Posted on 20 Jan, 2018 7:05 pm

प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र, विशेषकर आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की 'आत्मा' परियोजना के माध्यम से होशंगाबाद जिले के केसला विकासखण्ड के दूरस्थ ग्राम मोरपानी की आदिवासी महिलाओं को मधुमक्खी-पालन के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाया गया है।

मोरपानी की 10 महिलाओं के समूह को मधुमक्खी और मधुमक्खी-पालन का किट प्रदान किया गया है। इसके साथ ही उन्हें कार्य करने के लिये प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है। आदिवासी महिलाओं के समूह ने एक किट बॉक्स से एक किलो तक शुद्ध शहद उत्पादित किया है। समूह प्रति माह 10 किलो तक शहद उत्पादित कर रहा है। यह महिलाएँ घर बैठे मधुमक्खी-पालन कर शहद का उत्पादन कर रही हैं। अभी तो केसला के बाजार में शहद बेच रही हैं, लेकिन जल्द ही इनके शहद को अच्छा मार्केट दिलवाया जायेगा।

होशंगाबाद कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने 'आत्मा' परियोजना से जुड़ी इन महिलाओं के काम को देखा और उसकी सराहना की। उन्होंने बताया कि जल्द ही मोरपानी की तर्ज पर अन्य विकासखण्डों में भी मधुमक्खी-पालन से शहद उत्पादन का नवाचार प्रारंभ किया जायेगा।

सफलता की कहानी (होशंगाबाद)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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