Posted on 27 Sep, 2018 10:20 pm

 

कृषकों को सशक्त बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने में नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। इस हाईटेक महत्वकांक्षी परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण गुरूवार को लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। परियोजना का मुख्य उददेश्य चंबल बेसिन के ऊपरी क्षेत्रों में जहाँ सिंचाई का रकबा वर्तमान में बहुत कम है, कृषकों को सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। इस परियोजना से इंदौर एवं उज्जैन जिले में 50 हजार हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।

नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना तकनीकी रूप से भी बहु-उपयोगी है, इस हाईटेक परियोजना में स्काडा प्रणाली, जल वितरण की इजरायली प्रणाली और बेहतरीन वाटर मैनेजमेंट प्रणाली का उपयोग किया गया है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद प्राधिकरण ने नर्मदा बेसिन में सिंचाई के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की है। नर्मदा नदी के जल में सिंचाई और बिजली उत्पादन की असीमित क्षमताएँ हैं। इन्हीं क्षमताओं का उपयोग करते हुए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा है।

इसी कड़ी में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजना को अब जमीनी हकीकत में बदल दिया है। दो हजार 187 करोड़ रूपये लागत से तैयार हुई इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य चंबल बेसिन के ऊपरी क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा पहुंचाना है। इस योजना से इंदौर और उज्जैन जिले की उन 6 तहसीलों को सीधे-सीधे फायदा होगा, जहाँ सिंचाई का रकबा काफी कम है।

परियोजना के लिए ओंकारेश्वर दायीं तट नहर प्रणाली की आरडी 9.775 किलोमीटर से 15 क्यूबेक जल उद्वहन किया जाएगा। इसे चार पंप हाउसों की मदद से इंदौर जिले की महू तहसील के ग्राम दतोंदा स्थित बीपीटी-2 तक लाया जाएगा। यहां तक पाइप लाइन की लंबाई 38.165 किलोमीटर है। यहां से 29.977 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन की मदद से पानी को इंदौर जिले के हातोद तहसील के बड़ीकलमेर तक पहुंचाया गया है।

यहाँ से पानी को आगे के क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए पाइप लाइन को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है, जिसे बायीं तट और दायीं तट पाइप नहर प्रणाली का नाम दिया गया है। बायीं तट पाइप नहर प्रणाली की लंबाई 57.5 किलोमीटर और दायीं तट की लंबाई 70 किलोमीटर है। बायीं तट पाइप लाइन से 20 हजार हेक्टेयर में और दायीं तट पाइप लाइन से 30 हजार हेक्टेयर के रकबे में सिंचाई होगी। खेतों में सिंचाई ड्रीप स्प्रींकलर सिस्टम से की जाएगी। कुल उद्वहन किये गए 15 क्यूबेक पानी को तीन भागों में बाँटा गया है। जिसमें से 12.5 क्यूबेक पानी सिंचाई के लिए, 1.5 क्यूबेक पानी पीने के लिए और शेष 1 क्यूबेक पानी औद्योगिक उपयोग के लिए है।

नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना बहुउद्देशीय परियोजना के सफल संचालन के लिए पंप हाउस, कंट्रोल रूम, राइजिंग ग्रेविटी पाइप लाइन, मोटर पंप्स और ब्रेक प्रेशर टैंक स्थापित किये गए हैं, जल वितरण के सिस्टम को प्रभावी और बेहतर बनाने के लिए KY PIPE सॉफ्टवेयर तैयार किये गए हैं। जिसके जरिये जरुरी मात्रा में निर्धारित दबाव के साथ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना से

बेहतरीन वाटर मैनेजमेंट प्रणाली के जरिये किसानों की मांग पर उन्हें पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रणाली में किसानों को पानी की स्थिति के बारे में मोबाइल फोन पर लाइव जानकारी मिलेगी। पूरे सिस्टम को क्लाउड कंप्यूटिंग प्रणाली और वायरलेस कम्यूनिकेशन व्यवस्था द्वारा रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है। इस प्रणाली को SMS अलर्ट और नोटिफिकेशन के जरिए सुचारू रुप से संचालित किया जाएगा।

आधुनिक और नई इजरायली तकनीक के जरिए NVDA इस पूरी सिंचाई प्रणाली को संचालित करेगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य कमांड एरिया के किसानों को पानी देना है, जो इस परियोजना के धरातल पर आने से पूरा हुआ है। परिणामस्वरूप यह योजना किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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