हर साल चलेगा ग्रामोदय अभियान
Posted on 31 May, 2016 10:34 am
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 'ग्रामोदय से भारत उदय'' अभियान के परिणामों को देखते हुए इसे हर साल संचालित किया जायेगा। इससे स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता आयेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर नियंत्रण रहेगा। अभियान के हितग्राहियों के जिलेवार सम्मेलन होंगे। श्री चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेसिंग में कलेक्टरों से चर्चा करते हुए 45 दिन चले ग्रामोदय अभियान के प्रभाव और प्रगति की समीक्षा की। जिला कलेक्टरों ने अभियान की प्रगति और इस दौरान किये गये नवाचारों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभियान में गाँव में हुए विकास कार्यों, हितग्राहीमूलक योजनाओं की स्थिति, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, छात्रवृत्ति वितरण, महिला स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण, गरीबी रेखा की सूची में पात्र लोगों के नाम जोड़ने और अपात्रों के नाम हटाने, शौचालय निर्माण, युवा उद्यमियों का सम्मेलन, पेयजल की स्थिति, प्रधानमंत्री कृषि फसल बीमा योजना एवं राज्य शासन की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस वितरण अभियान आदिवासी बहुल क्षेत्र से जल्दी शुरू किया जायेगा। आबादी बन चुके छोटे-बड़े झाड़ के नाम से दर्ज जंगल को आबादी क्षेत्रों में परिवर्तित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की जाएगी। समिति में वन, राजस्व मंत्री और मुख्य सचिव सहित संबंधित विभाग के अधिकारी सदस्य होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभियान के दौरान अच्छा कार्य करने वाले जिलों की सराहना की। जिन जिलों में संतोषजनक प्रगति नहीं हुई वहाँ उन्होंने समय-समय पर अभियान चलाने की जरूरत बताई। कुछ जिलों में हुए नवाचारी प्रयोगों को अन्य जिलों में भी अपनाने के निर्देश दिये।
श्योपुर जिले में जन-भागीदारी से फीडर विभाजन कार्य में बिजली के खम्बे लगाने, अनाथ बच्चों की सूची बनाकर उन्हें पढ़ाई-लिखाई से जोड़ने की पहल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल अन्य जिलों में भी की जा सकती है।
मुरैना जिले में शहद उत्पादन कम्पनी बनाकर शहद उत्पादकों को लाभ पहुँचाने का अनूठा प्रयोग किया गया है। ग्वालियर जिले में ग्रामोदय अभियान से कॉलेज के युवाओं को जोड़ा गया। पशु चिकित्सक सेवाओं के विस्तार को और प्रभावी बनाने के लिये सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। इसमें पशुपालकों और पशु चिकित्सकों के व्हाट्स एप समूह बनाये गये हैं जिनके माध्यम से पशुपालक विशेषज्ञ से सलाह प्राप्त कर रहे हैं।
शिवपुरी जिले में ग्रामीण आबादी भूमि के नक्शे बनाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रयोग को अन्य जिलों में भी दोहराने के निर्देश दिये। इसके अलावा अनाथ बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य सुविधाएँ देने की जिला स्तरीय परवरिश योजना चलाई जायेगी। श्री चौहान ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह स्थानीय रूप से प्रभावी सिद्ध होगी। गुना जिले में महिला स्वास्थ्य शिविरों के दौरान हाईरिस्क श्रेणी में आने वाली गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
अशोकनगर जिले में इंदिरा आवास योजना की दूसरी किश्त हितग्राहियों को जारी न होने पर मुख्यमंत्री ने अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अशोकनगर जिले में ग्रामोदय अभियान की सभी गतिविधियों को दोबारा संचालित करने की आवश्यकता है। उन्होंने जिले में पड़त भूमि को खेती करने लायक बनाने के काम की सराहना की। यहाँ स्थानीय तालाबों को गहरा कर उसकी उपजाऊ मिट्टी का उपयोग पड़त भूमि के उपचार में किया जा रहा है।
दतिया जिले में युवा उद्यमियों के सम्मेलन की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे सम्मेलन हर जिले में किये जायें। इसी जिले में हितग्राहियों की रैली निकालने और रैली के दौरान वंचित रह गये हितग्राहियों को तत्काल लाभ दिलाने के प्रयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रयोग से किसी कारण छूट गये हितग्राही भी लाभ पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि दतिया सिंचित जिला है, यहाँ के किसान आसानी से कृषि ऋण चुका सकते हैं। इससे सहकारी बैंकों की स्थिति भी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों में जल की उपलब्धता को देखते हुए फसलें लेने की रणनीति बनायें। कुछ जिले सोयाबीन छोड़कर धान की तरफ बढ़े हैं जबकि उन जिलों में पानी की अपेक्षित उपलब्धता नहीं है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा कृषि क्षेत्र में दलहन फसलें लेने के लिये किसानों को प्रेरित करने का आग्रह किया।
रीवा जिले में हितग्राहियों के नामों की सूची और पंचायतों की विकास योजना को दीवारों पर लिखने को नवाचारी पहल बताते हुए कहा कि इससे सभी लोगों को जानकारी रहेगी।
शहडोल जिले में विधवा महिलाओं को बी.पी.एल. में शामिल किया गया एवं उनका कौशल उन्नयन कर उनको स्व-रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयासों की जानकारी दी गयी।
बुरहानपुर जिले ने आँगनवाड़ियों को प्ले स्कूल के रूप में संचालित किए जाने के प्रयोग के बारे में बताया।
इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार, श्रम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य, आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री शरद जैन, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश