Posted on 05 Jan, 2017 8:53 pm

 

 

भोपाल : गुरूवार, जनवरी 5, 2017, 19:24 IST

 

'मैया तुम हो भोली-भाली अमरकंटक वाली''... जैसे गीत गाते हुए जगह-जगह लोगों की टोलियाँ 'नमामि देवी नर्मदे''-सेवा यात्रा के स्वागत के लिये हर कोई आतुर था। नरसिंहपुर के ब्रह्मकुण्ड से आज यात्रा घाट पिपरिया पहुँचने वाली थी। लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। गाँव के द्वार पर बालिकाएँ और महिलाएँ सज-सँवर कर यात्रा के आगमन की बाट जोह रही थीं। वहीं बाजू में एक मकान की छाँव तले एक लोक संगीतकार की टोली अपने में मग्न 'नर्मदा गीत'' गा रही थी। साथी कलाकार, जिनके पैरों में घुँघरू बँधे थे, आकर्षक वेशभूषा में नृत्य करते नजर आये।

लोगों का हुजूम बरबस ही ध्यान खींच रहा था। वहीं मकान की छत पर चढ़कर भी लोग सेवा यात्रा के लिये समय से पहले ही इंतजार कर रहे थे।

घाट पिपरिया में मंच के समीप शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल झामर के बच्चों की कबड्डी प्रतियोगिता की तैयारी चल रही थी। स्कूल की बालिका प्रियंका पटेल नर्मदा भजन सुनाने जा रही थीं। यहाँ वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी यात्रा में शामिल होने वाले थे। साथ ही पौध-रोपण का कार्यक्रम भी था। इसमें त्रिवेणी-नीम, पीपल, बरगद के साथ आम के 10 पौधे रोपे जाने हैं।

किराने की छोटी-सी दुकान के मालिक अशोक कुमार साहू जी फूल और पंखुरी रखकर बैठे हुए थे। पूछने पर बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर नर्मदा यात्रा शुरू की गयी, जो पर्यावरण के लिये सराहनीय कदम है।

दादाश्री दिल्ली पंत भारती सेवा यात्रा की आरती थाली सजाए थे। एक पाँच वर्षीय बच्चा खुशी से झंडा लेकर भागा चला जा रहा है। पास ही खड़े वृद्ध ने डाँटते हुए कहा 'काहे निकाल लाये''। बालक का जवाब था 'उन्ने ही दओ' और उसकी चाल पुन: बढ़ गई।

अदभुत नजारा था गाँव में। सब जगह चहल-पहल। घरों के द्वार पर बुजुर्ग महिलाओं का समूह तो आदमियों की टीम भी। सब कोई कह रहे थे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये जो नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की, इससे नर्मदा के जल के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी। विज्ञान शिक्षिका श्रीमती अंजलि रायकवार विद्यालय झामर के बच्चों द्वारा स्वच्छता पर ड्रामा और नर्मदा गीत प्रदर्शनी, नर्मदा स्वच्छता और नर्मदा की आत्मकथा। रत्न नर्मदा से प्राप्त होने वाले निकले पत्थर, शंख, रेत, झांऊ आदि का प्रदर्शन मैया यशोदा ... पर डांस।

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश