Posted on 26 Sep, 2017 5:33 pm

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा एच1एन1 संक्रमण, मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया की प्रभावी रोकथाम के लिये दैनिक समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाये जा रहे है। इस संबंध में आयोजित नियमित बैठक में चिकित्सकों को बताया गया कि स्वाईन फ्लू के बढ़ते प्रकरणों के मद्देनजर जरूरी है कि स्वाईन फ्लू मरीज के संपर्क में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप जैसे 05 वर्ष से कम आयु के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, गर्भवती माताएं तथा फेफड़े, ह्रदय, लिवर, गुर्दा, मधुमेह, कैंसर के मरीज, जो लंबे समय से cortisone ले रहे हों, आदि लंबी बीमारियों वाले मरीजों को टेमीफ्लू दें ताकि स्वाईन फ्लू का संक्रमण रोका जा सके।

चिकित्सकों से कहा गया है कि मरीज में स्वाईन फ्लू के लक्षण की पहचान प्रारंभिक अवस्था में ही कर ली जाये एवं मरीज का उपचार प्रारंभ कर दिया जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि एच1एन1 संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, गले में खराश, सिर दर्द, बुखार के साथ यदि साँस लेने में तकलीफ हो तो इसे नज़रअंदाज न करें, तत्काल शासकीय अस्पताल में जाकर तुरंत अपनी जाँच करायें। एन1एच1 संक्रमण पॉजिटिव पाये जाने पर पूर्ण उपचार लें। एच1एन1 सीजनल इन्फ्लूएंजा (स्वाईन फ्लू) संक्रमण से बचाव ही उपचार है, सावधानी बरत कर संक्रमण से बचा जा सकता है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent