Posted on 11 Sep, 2017 5:48 pm

 

राज्य शासन ने एच1एन1 इन्फ्लुएन्जा के इलाज के लिये इंदौर में एक और निजी अस्पताल 'एप्पल' को चिन्हित किया है। इस तरह प्रदेश में अब चिन्हित निजी अस्पतालों की संख्या 66 हो गई है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज में एच1एन1, डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। यह जानकारी आज स्वास्थ्य विभाग की दैनिक समीक्षा में दी गई। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने लोगों से फिर अपील की है कि संक्रमण से बचाव ही उपचार है। सावधानी बरतकर संक्रमण से बचने का प्रयास करें।

प्रभावित मरीज के गाँव के घर-घर का हो रहा है सर्वे

प्रदेश के जिन जिलों में एच1एन1 इन्फ्लुएन्जा के मरीज पाये गये हैं, उन जिलों में मरीज के परिजनों और गाँव में घर-घर जाकर सर्वे एवं निगरानी की जा रही है। जिन लोगों को सर्दी-जुकाम, खाँसी, गले में खराश, सिर दर्द, बुखार के साथ साँस लेने में तकलीफ पाई जाती है, तो तत्काल उन्हें टेमी फ्लू दवा दी जा रही है।

रिव्यू कमेटी ने किया अस्पतालों का निरीक्षण

स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभागीय स्तर पर गठित ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर और इंदौर की समीक्षा समितियों ने विगत बुधवार और शुक्रवार को अपने-अपने जिले के सभी चिकित्सालयों में एच1एन1 प्रभावित मरीजों वाले अस्पताल का निरीक्षण किया। समिति ने सुनिश्चित किया कि मरीजों को उचित रूप से वेन्टिलेटर, दवा, उपचार आदि की सुविधा मिल रही है।

लक्षण न करें नजरअंदाज

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने लोगों से आग्रह किया है कि यदि एच1एन1 इन्फ्लुएन्जा के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खाँसी, गले में खराश, सिर दर्द, साँस लेने में तकलीफ, तेज बुखार हो तो इसे कतई नजरअंदाज न करें। निकट के अस्पताल में जाकर तुरंत जाँच करायें। इलाज में देरी मरीज के लिये घातक सिद्ध हो सकती है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent