Posted on 04 Sep, 2017 4:05 pm

भोपाल : सोमवार, सितम्बर 4, 2017
 

राज्य शासन द्वारा प्रतिदिन प्रदेश में स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया आदि संक्रामक रोगों की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। स्वाइन फ्लू के बढ़ते हुये मामलों को देखते हुये संभाग स्तर पर भी समीक्षा बैठकें प्रारंभ कर दी गई हैं।

बैठकों के माध्यम से विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू बचाव और उपचार की सघन निगरानी की जा रही है। किसी भी जिले में स्वाइन फ्लू मरीज की पुष्टि होने पर मरीज द्वारा किन स्थानों की यात्रा की गई इसकी भी जानकारी ली जाती है। जाँच सेंपल लेने के साथ ही टेमी फ्लू दवा देकर मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाता है। मरीज की देखभाल करने वाले या परिवार में किसी सदस्य में यही लक्षण पाये जाने पर उन्हें भी एहतियातन टेमीफ्लू दिया जाता है। मरीज के आस-पास के घरों में भी जिला सर्वे टीम द्वारा सर्वे कर संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाती है और कीट नाशक का छिड़काव किया जाता है।

स्वाइन फ्लू के प्रारंभिक लक्षण मिलते ही यदि इलाज प्रारंभ हो जाता है तो मरीज ठीक हो जाता है। परंतु यदि प्रारंभिक लक्षण पाये जाने के बाद बिना टेमीफ्लू उपचार के 5-6 दिन बीत जाते हैं तो स्थिति गंभीर हो जाती है

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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