Posted on 21 Sep, 2017 5:57 pm

 

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 'स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय' योजना के अन्तर्गत स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार आरंभ किया है। पुरस्कार के लिये नामांकन 31 अक्टूबर तक आमान्त्रीत हैं। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के माध्यम से स्कूलों में स्वच्छता में उत्कृष्टता और व्यवहार परिवर्तन का माहौल बनता है तथा विद्यार्थी स्वच्छता बनाये रखने के लिये प्रोत्साहित होते हैं। पुरस्कार के माध्यम से स्वच्छ विद्यालय अभियान के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट प्रयासों और पहल को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इस वर्ष सभी स्कूल स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकेंगे। इनमें सी.बी.एस.ई., सी.आई.एस.सी.ई., स्टेट बोर्ड की शालाएँ, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल अपना नामांकन करवा सकेंगे। इस प्रकार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार-2017-18 में सरकारी और अनुदान प्राप्त शालाएँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की शालाएं भी भाग ले सकेंगी।

पुरस्कार के लिये शालाओं द्वारा आवेदन करने पर शालाओं की ग्रेडिंग ऑनलाइन साइट/ एप पर होगी, जिसमें सभी श्रेणियों में शालाओं में 1 से 5 सितारा ग्रेडिंग की स्थिति प्रदर्शित होगी। शालाओं का विभिन्न स्तर पर भौतिक सत्यापन एवं चेकिंग के बाद शाला की ग्रेडिंग होगी। इसके आधार पर ही जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिये चयन किया जाएगा। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की समय-सारणी तय की गई है। शालाओं का नामांकन एवं पंजीयन 31 अक्टूबर तक तथा जिला स्तर पर चयन और राज्य स्तर पर नामांकन 1 नवम्बर से 30 नवम्बर तक होगा। राज्य स्तर पर पुरस्कार का चयन 1 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक राज्य स्तर पर चयनित शालाओं का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये नामांकन 7 जनवरी 2018 तक होगा। राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की घोषण 31 मार्च 2018 को की जाएगी।

प्रदेश की शालायें निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी। ऑनलाइन लिंक http:mhrd.gov.in SwachhVidyalaya Swachhvidhyalayapuraskar or by downloading a mobile app, Swachhvidhyalayapuraskar 2017-18 पर उपलब्ध है। साथ ही पुरस्कार का ऐप, गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस वर्ष सभी शालायें स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकेंगी।

संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने पुरस्कार में अधिक से अधिक शालाओं को शामिल करने के संबंध में कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत जिला समन्वयक को भी अपने क्षेत्र की श्रेष्ठ शालाओं को पुरस्कार के लिये नामांकित करवाने के लिये कहा गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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