Posted on 15 Jul, 2018 4:31 pm

धार जिले के मनावर तहसील के ग्राम पलासी की श्रीमती अनीता  पति राधेश्याम वह वर्ष 2013 में सीआरपी ड्राईव के माध्यम से दुर्गा स्व-सहायता समूह से पहली बार जुड़ी। ग्राम में अन्य समूहों का निर्माण करवाया। अनीता बहुत समझदार और सभी को साथ लेकर चलने वाली एक घरेलू महिला है। ग्राम में समूहों के निर्माण के बाद उन्होने अपने समूह में पुस्तक संचालन का कार्य प्रारंभ किया। धीरे-धीरे पुस्तक संचालन कार्य में पारंगत हो गई, तो अन्य समूह की महिला सदस्यों को भी पुस्तक संचालन का कार्य सिखाने लगी।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडने के पहले अनीता की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। परिवार में पति और दो बच्चे है। जमीन बहुत कम थी और आधी जमीन साहूकार को कर्ज देने के लिये गीरवी रखी थी। आधी जमीन पर फसल बोई जाती थी, जिससे बहुत कम आमदनी होती थी। बहुत कठिनाई से परिवार का भरण पोषण होता था।

अनीता ने समूह से जुड़कर सबसे पहले ऋण लेकर अपनी गिरवी रखी जमीन को साहूकारों से छुड़वाया। समूह को ऋण वापस कर खेत में सिंचाई के लिए डीजल इंजन का ऋण लिया। उस ऋण को भी वापस चुका दिया। इसके बाद उसने अपना पक्का मकान बनाने के लिए समूह से ऋण लिया, जिसकी किश्तें नियमित रूप से चुका रही है।

समूह से जुड़कर अनीता ने आन्ध्रप्रदेश सक्रिय दीदी का प्रशिक्षण और भोपाल में एम.सी.पी. का प्रशिक्षण प्राप्त किया। महिला सम्मेलन दिल्ली में भी भाग लिया। राउ प्रशिक्षण केन्द्र में ग्राम संगठन में पुस्तक संचालक का प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज वह धार जिले के विभिन्न ग्रामों में जाकर समूह पुस्तक संचालकों को प्रशिक्षण दे रही है। कई ग्रामों की एम.सी.पी का निर्माण कर चुकी है। अनीता के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज ग्राम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 29 पात्र हितग्राहियों को पेंशन का लाभ मिल रहा है। ग्राम में खरंजा और नल-जल योजना के अंतर्गत 2 कुएँ ग्रामीणों को राहत दे रहे हैं।

सक्सेस स्टोरी (धार)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश