Posted on 05 Jul, 2017 5:30 pm

भोपाल : बुधवार, जुलाई 5, 2017, 16:25 IST
 

 

सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग विद्यार्थी बेहतर ढंग से कर सकें, इसके लिए प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन देने की योजना में अभी तक 2 लाख 53 हजार 871 फोन दिये गये हैं। वर्ष 2014-15 के विद्यार्थियों को 1 लाख 21 हजार 138 और वर्ष 2015-16 के विद्यार्थियों को 1 लाख 32 हजार 733 स्मार्ट फोन बाँटे गये हैं।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एडमिशन से लेकर अंक सूची लेने तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। विद्यार्थी फीस भी ऑनलाइन भर सकते हैं। सभी महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। अभी तक 264 महाविद्यालय एवं सभी विश्वविद्यालय में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करवा दी गयी है। इस वर्ष 100 नए महाविद्यालय में यह सुविधा दी जायेगी। इसके साथ ही 177 महाविद्यालय में डिजिटल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी है।

प्रदेश के 101 महाविद्यालय में वर्चुअल कक्षा का संचालन हो रहा है। स्नातक स्तर पर 606 और स्नातकोत्तर में 142 से अधिक ई-व्याख्यान हो चुके हैं। आधुनिक तकनीक से शिक्षण व्यवस्था के लिए शासकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बनाये जा रहे हैं। विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के उदू्देश्य से ई-लायब्रेरी बनायी जा रही हैं। प्रदेश में 188 महाविद्यालय में ई-लायब्रेरी की स्थापना की गयी हैं।

उच्च शिक्षा विभाग पेपरलेस ऑफिस के कांसेप्ट पर कार्य कर रहा है। सभी पत्र एवं निर्देश महाविद्यालयों को ऑनलाइन भेजे एवं मँगवाये जाते हैं। 'सेक्योर ई-मेल सर्विस' भी शुरू की गयी है। विभाग में कर्मचारी-अधिकारी की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी महाविद्यालय में बायोमीट्रिक मशीन लगायी जा रही है। योजनाओं की सतत मॉनीटरिंग के लिये स्काइप के जरिये अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्य और क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों को आयुक्त उच्च शिक्षा कार्यालय से जोड़ा गया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच और चिंतन के अनुरूप प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की अवधारणा को मूर्तरूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल आम लोगों के हित में करने की प्रभावी पहल की गई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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