Posted on 27 Mar, 2018 10:43 am

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों के कर्मचारी एवं शिक्षकों के लिए एक अप्रैल से एम-शिक्षा मित्र एप्प का उपयोग अनिवार्य किया जा रहा है। इस एप्प के द्वारा प्राप्त उपस्थिति एवं जानकारी के आधार पर वेतन जनरेट किया जाएगा। विभाग ने एप्प में दी जानकारी की प्रतिदिन समीक्षा करने को कहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इंटरनेट युक्त स्मार्ट फोन को ध्यान में रखते हुए विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर एनआईसी के सहयोग से एम-शिक्षा मित्र को गवर्नेन्स प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया है।

एम-शिक्षा मित्र के माध्यम से सभी शालाओं की प्रोफाईल, नामांकन, पदस्थ शिक्षक, सुविधाएं, अधोसंरचना, लोकेशन, शाला में दर्ज विद्यार्थियों की सूची, शालाओं को राज्य स्तर से प्राप्त वित्तीय फंड की जानकारी को समाहित किया गया है। इसके अलावा एप्प में पे-स्लिप, अवकाश आवेदन पंजीयन, ई-सेवा पुस्तिका, शिक्षकों की विभागीय एवं सेवा संबंधित शिकायतों का पंजीयन एवं ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गयी है। इस एप्प में विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति, विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधा जैसे छात्रवृत्ति, साईकिल और गणवेश वितरण आदि की जानकारी भी रहेगी।

एम-शिक्षा मित्र एप्प को व्यवस्थित रूप से क्रियान्वित करने के लिए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। शिक्षकों की उपस्थिति अथवा अवकाश दर्ज करने लिए स्वयं के नाम पंजीकृत मोबाईल का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किये जाने पर इसे कदाचरण मानकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी को अपने स्तर पर एप्प पर दर्ज जानकारी की प्रतिदिन समीक्षा करने को कहा गया है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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