Posted on 05 Dec, 2016 7:21 pm

भोपाल : सोमवार, दिसम्बर 5, 2016, 19:15 IST
 

स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये लगातार नवाचार किये जा रहे हैं। नवाचारों में 'शाला सिद्धि-हमारी शाला ऐसी हो' कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के जरिये शासकीय शालाओं के कक्ष में भय मुक्त एवं आनंददायी वातावरण तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रथम चरण में प्रत्येक जिले एवं जन-शिक्षा केन्द्र से 4-4 प्राथमिक और माध्यमिक शाला चयनित की गयी हैं। शालाएँ अपना स्व-मूल्यांकन निर्धारित प्रपत्र में एक निश्चित प्रक्रिया अनुसार करेंगी, जो सात चरण में पूरी होंगी। स्व-मूल्यांकन से चयनित शालाओं को अपनी वर्तमान स्थिति एवं उन आयाम और मानकों, जिनमें सुधार किया जाना है, कि जानकारी मिलेगी। 'शाला सिद्धि-हमारी शाला' ऐसी हो में बाह्य मूल्यांकन का भी प्रावधान रखा गया है।

इस प्रक्रिया के बाद शाला के सभी शिक्षक और शाला प्रबंधन समिति एक साथ बैठकर अपनी आवश्यकता और प्राथमिकता के आधार पर शाला उन्नयन की कार्य-योजना बनायेगें। योजना में विकासखण्ड, जिला और राज्य-स्तर पर मनोनीत अधिकारी शाला मूल्यांकन के मानकों के संबंध में अपनी राय देंगे। कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में 83 हजार 890 प्राथमिक और 30 हजार 341 सरकारी माध्यमिक शाला संचालित हो रही हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश