Posted on 28 Jun, 2018 2:30 pm

 

बालाघाट जिले के बैहर विकासखण्ड के ग्राम छतरपुर में लघु काश्तकार एवतराम के सोलर पम्प की बदौलत अब अच्छे दिन आ गये हैं। किसान एवतराम के पास 5 एकड़ कृषि भूमि है। उनकी सारी खेती पहले वर्षा आधारित थी। अच्छी बारिश होने पर उनके खेत में धान की फसल हो जाती थी, लेकिन वर्षा कम होने पर उनके खेत में सूखे जैसे हालात पैदा हो जाते थे।

किसान एवतराम के खेत के पास एक नाला भी है, जिसमें वर्ष के ज्यादा दिनों तक पानी रहता है। उनकी इच्छा थी कि उनके खेत में सिंचाई पम्प लगे लेकिन खेत तक बिजली के खम्बे लगवाना उनके बस की बात नहीं थी। एवतराम को सौर ऊर्जा से सिंचाई पम्प चलाने की जानकारी मिली। इस संबंध में उन्होंने अपने क्षेत्र के अक्षय ऊर्जा अधिकारी श्री पी.के. जैन से सम्पर्क किया। उनकी इच्छाशक्ति को देखकर अक्षय ऊर्जा अधिकारी ने प्रकरण तैयार करवाया और परीक्षण के बाद उन्हें 2 हार्स-पॉवर के सोलर पम्प की मंजूरी दी गई।

किसान एवतराम को सोलर पम्प के लिये राज्य सरकार की ओर से लागत की 90 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में मिल गई। उन्हें अपनी ओर से केवल 25 हजार रुपये लगाने पड़े। किसान एवतराम ने रबी सीजन में गेहूँ की फसल लगाई। अच्छी फसल होने पर उन्हें मुनाफा भी अच्छा हुआ। एवतराम कहते हैं कि सोलर पम्प के कारण अब उन्हें बिजली के बिल की चिंता नहीं रहती। वे अपने खेत में भरपूर सिंचाई भी कर पा रहे हैं।

  प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से भिण्ड की श्रीमती अनीता को चूल्हे के धुएँ से मुक्ति मिली है। अनीता अपने परिवार के लिये लम्बे अरसे से लकड़ी-कण्डे से ही चूल्हे पर खाना बनाया करती थी। इससे घर में खूब धुआँ होता था। इसका खामियाजा सारे परिवार को भुगतना पड़ता था।

अनीता को एक दिन आँगनवाड़ी कार्यकर्ता से उज्जवला योजना की जानकारी मिली। अनीता ने पहल करके योजना में घरेलू गैस कनेक्शन के लिये आवेदन भरा। थोड़े ही प्रयास में उन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन मिल गया।

अनीता अब अपने परिवार के लिये खाना गैस चूल्हे पर बना रही है। योजना में मिले रसोई गैस के बारे में उन्होंने अपने आसपास की महिलाओं से भी चर्चा की है। वे बताती हैं कि जागरूक रहकर ही सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है। भिण्ड जिले में 55 हजार 890 नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में जरूरतमंद महिलाओं को वितरित किये गये हैं।

सक्सेस स्टोरी (बालाघाट, भिण्ड)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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