Posted on 09 Oct, 2017 7:02 pm

 

सहकारिता से अंत्योदय के लिए सहकारिता विभाग द्वारा तैयार रोडमेप पर अमल शुरू हो चुका है। शुरूआत में ही सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। सहकारिता के नये क्षेत्रों में 300 से अधिक सहकारी समितियाँ गठित कर क्रियाशील की गई हैं। समितियाँ रोजगार के नये स्रोत तलाश कर अंत्योदय की अवधारणा को हकीकत में बदलने का काम कर रही हैं।

नये सहकारी क्षेत्रों की पहचान

'सहकारी मंथन-2016' की अनुशंसाओं को ध्यान में रख गठित 'नवाचार सेल' प्रभावी ढंग से कार्य कर रहा है। प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख, बीज उत्पादक और अन्य क्षेत्रों के साथ नये क्षेत्रों का चयन कर एक वर्ष में इन क्षेत्रों में 315 समितियों का गठन किया गया। नये क्षेत्रों में से पर्यटन के क्षेत्र में 26, ई-रिक्शा ऑटो में 15, परिवहन में 20, सेवा प्रदाता में 30 और जैविक खेती क्षेत्र में 46 सहकारी समितियाँ गठित की गई हैं। रहवासी क्षेत्र में 65, सामाजिक वानिकी एवं उद्यानिकी में 31, श्रम ठेका की 54, कड़कनाथ मुर्गी-पालन की 18, भण्डारण की 2, कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी, गणवेश और सुरक्षा के क्षेत्र में एक-एक समिति गठित की गई है। गठन के साथ उनकी अंश-पूँजी के बराबर पूँजी उपलब्ध कराकर समिति सदस्यों को विभिन्न रोजगारमूलक योजनाओं से जोड़ कर उद्यमी बनाया जा रहा है।

ई-रिक्शा सहकारी समितियाँ

ई-रिक्शा संचालन सहकारी समिति ने पर्यावरण के अनुकूल छोटे मार्गों और खासकर मुख्य मार्गों की मौजूद संभावनाओं को तलाशा है। ई-रिक्शा परिवहन समिति जबलपुर द्वारा 10, सागर द्वारा 2, रीवा द्वारा 3 और गंधवानी जिला धार द्वारा 5 ई-रिक्शा का संचालन किया जा रहा है। धार जिला ई-रिक्शा सहकारी समिति के डायरेक्टर श्री ऋषभ पाटनी और अध्यक्ष श्री सदाशिव पटवा ग्रामीण क्षेत्र में ई-रिक्शा संचालन के सफल अनुभव को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से भेंट कर बता चुके हैं। गाइडिंग हेंडस ट्रांसपोर्ट को-आपरेटिव्ह सोसायटी धार द्वारा मुख्य मार्ग को गाँव से जोड़ने वाले मार्ग रिक्शा का सफल संचालन किया जा रहा है।

पर्यटन सहकारी समितियाँ

सहकारी पर्यटन समितियों ने पिछले एक वर्ष में उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। अब तक 31 सहकारी पर्यटन समितियाँ अस्तित्व में आ चुकी हैं। ईको पर्यटन के तहत पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम नागरिकों में संवेदनशीलता बढ़ाने में इन समितियों को कामयाबी मिल रही है। छिन्दवाड़ा पर्यटन सहकारी समिति खासकर पातालकोट के ग्रामीण युवाओं द्वारा एडवेंचर स्पोर्टस के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। झाबुआ में कड़कनाथ मुर्गा-मुर्गी पालन सहकारी समितियों ने भी तेजी से सफलता हासिल की है।

त्रि-स्तरीय समग्र विकास योजना

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग के अनुसार सहकारिता विभाग समग्र ग्रामीण विकास के तहत गाँव में खेती के साथ अन्य उपलब्ध वैकल्पिक रोजगार के साधन के लिए प्रयासरत है। विभाग द्वारा त्रि-स्तरीय समग्र विकास योजना बनाई गई है। ग्रामीण स्तर पर स्थानीय समितियाँ, जिला स्तर पर जिला समिति और राज्य स्तर पर फेडरेशन बनाया जाएगा। ग्रामीण स्तर की समितियाँ अपने ही क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले कच्चे माल के आधार पर उत्पादन करेंगी। इन समितियों को कच्चा माल और आवश्यक पूँजी जिला समिति उपलब्ध करवायेगी। जिला समिति को आवश्यक धन प्रदेश स्तर पर फेडरेशन के माध्यम से सहकारी बैंक प्रदान करेंगे। उत्पादित वस्तुओं का भण्डारण, विपणन और वितरण जिला समिति करेगी। खास बात यह होगी कि स्थानीय समितियाँ अलग-अलग जरूरतों की वस्तुएँ तैयार करेंगी, ताकि उनका बाजार विकसित हो सके।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent