Posted on 13 Aug, 2018 7:24 pm

 

प्रदेश में सरकारी स्कूलों को जन-भागीदारी से सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिये जन-भागीदारी से उपहार योजना चलाई जा रही है। योजना से स्कूलों में बुनियादी सुविधाएँ बढ़ाने के साथ-साथ अधोसंरचना विकास के कार्य भी करवाये जा रहे हैं। अभी तक करीब 4 करोड़ के विकास कार्य कराये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय उपहार योजना में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिये हैं।

योजना में सभी सरकारी विद्यालय अपनी विद्यालयीन आवश्यकताओं को चिन्हित कर उनकी पूर्ति के लिये समाज से उपहार प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य उद्देश्य विद्यालयों के भौतिक एवं अकादमिक विकास के लिये समाज से वस्तुरूप सहायता उपहार के रूप में लेना है। एजुकेशन पोर्टल पर विद्यालय उपहार नाम से मॉड्यूल उपलब्ध करवाया गया है। मॉड्यूल से सरकारी विद्यालय अपनी आवश्यकताओं को विकास खंड स्त्रोत समन्वयक के जरिये अपलोड कर सकेंगें। जो संस्था, व्यक्ति, समूह, ट्रस्ट या कम्पनी 10 हजार रुपये तक की राशि के बराबर की सामग्री सरकारी स्कूल को उपहार के रूप में उपलब्ध करवायेगा, उसे विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा धन्यवाद-पत्र भी दिया जायेगा। योजना में 10 हजार रुपये से अधिक की सहायता करने वालों का नाम एजुकेशन पोर्टल पर प्रदर्शित किया जायेगा। विद्यालय छात्रावास किचन के लिए आवश्यक सामग्री, पेयजल फिल्टर, वाटर कूलर, पंखे, विद्यालय परिसर में कुओं या ट्यूबवेल के खनन, फर्नीचर, खेल सामग्री आदि का उपहार ले सकते हैं।

ग्वालियर जिले में जन-सहयोग से 400 टेबलेट कम्प्यूटर सरकारी स्कूल को उपलब्ध करवाये गये हैं।

विद्यार्थियों को रोटेशन से बैठाने की व्यवस्था

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा के सभी छात्रों को समान रूप से प्रथम लाइन में बैठाने के लिये रोटेशन व्यवस्था को लागू किया गया है। यह देखा गया है कि कक्षा में कुछ ही छात्र स्थायी रूप से आगे की पंक्तियों में बैठते हैं। इससे अन्य छात्रों को यह अवसर नहीं मिल पाता था। इस व्यवस्था में सुधार के लिये रोटेशन व्यवस्था लागू की गई है। साथ ही सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों में देश भक्ति की भावना मजबूत करने के लिये प्रदेश के सभी माध्यमिक, हाई-स्कूल और हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में प्रतिदिन शाला संचालन से पहले सम्मानपूर्वक राष्ट्रीय ध्वजारोहण किये जाने की व्यवस्था की गई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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