Posted on 19 Feb, 2018 6:55 pm

प्रदेश में राज्य बीमारी सहायता, मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, नि:शुल्क कीमोथैरेपी-डायलिसिस योजना आदि से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बड़ी बीमारी की चपेट में आने पर नि:शुल्क शासकीय सहायता मिल रही है।

अब स्वस्थ है मासूम मानसी: सिवनी जिले के ग्राम भाटीपाड़ा की दो वर्षीय मानसी जन्म से ही काफी कम वजन की थी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने जब मानसी को देखा तो उसका राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम से स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर उसे पोषण-पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया। इसके बाद भी जब उसके वजन में कोई परिवर्तन नहीं आया तो टीम ने जिला-स्तरीय बाल ह्रदय रोग शिविर में जाँच की सलाह दी। जाँच में पता चला कि मानसी के दिल में छेद है। मानसी का परिवार गहरे अवसाद में डूब गया। एक तो इतनी बड़ी बीमारी और उस पर इलाज के लिये पैसे नहीं। तब टीम ने मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना की जानकारी देते हुए मानसी के पिता को नि:शुल्क ऑपरेशन की सलाह दी। टीम की सहायता से नवम्बर-2017 में जबलपुर में मानसी का ऑपरेशन हुआ। आज वह स्वस्थ है, खाने-पीने लगी है और उसका वजन भी बढ़ रहा है।

अब बोलने-सुनने लगी पूर्वी: पन्ना जिले में अमानगंज के प्रहलाद सोनी के घर में उस वक्त खुशियाँ छा गईं, जब लम्बे समय बाद उनके यहाँ बेटी का जन्म हुआ। कुछ समय बाद यह खुशी काफूर होने लगी, जब पता लगा कि पूर्वी बोल और सुन नहीं सकती। डॉक्टर से सलाह लेने पर पता चला कि पूर्वी काकलियर इम्पलांट की सहायता से ही सुन सकेगी। इसके लिये 6-7 लाख रुपये के खर्च की बात सुनकर माता-पिता असहाय महसूस करने लगे। इसी बीच किसी ने उनको आरबीएसके योजना की जानकारी दी और बताया कि मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना से उनकी बेटी का नि:शुल्क उपचार संभव है। जाँच के बाद डॉक्टरों ने पूर्वी को पन्ना जिला चिकित्सालय रेफर किया और सतना में पूर्वी का सफल ऑपरेशन किया गया। पूर्वी ने सुनना शुरू किया और अब बोलने भी लगी है। पूर्वी की माँ ज्योति ने ढाई वर्ष में पहली बार पूर्वी के मुंह से माँ सुना तो वह खुशी से रोने लगी।

कुष्ठ रोगी दूर सिंह ह्रदय रोग से मुक्त हुए: बड़वानी जिले के आशा ग्राम की कुष्ठ उन्मूलन बस्ती में रहने वाले 41 वर्षीय दूरसिंह गुथरिया के परिवार को इनके ह्रदय रोग का पता चला तो मायूस हो गये। जानकारों ने ढाँढस बंधाया और जानकारों से सम्पर्क किया। तब राज्य बीमारी सहायता योजना का पता लगा। योजनान्तर्गत दूरसिंह का नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ। आज दूर सिंह न केवल स्वस्थ हैं, बल्कि अपना काम भी भली-भाँति कर रहे हैं। आशा ग्राम में लिपिक के पद पर पदस्थ दूर सिंह का सफल ह्रदय ऑपरेशन इंदौर के निजी अस्पताल में नि:शुल्क हुआ। बचपन में ही माँ को कुष्ठ रोग हो जाने के कारण उनके पिता ने माँ को त्याग दिया था। दूर सिंह अपनी माँ, पत्नी और दो बच्चों के साथ कुष्ठ निवारण बस्ती में ही रहते हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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