Posted on 23 May, 2018 4:18 pm

 

प्रदेश के सभी शासकीय जिला चिकित्सालयों में किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को मासिक उपचार से मुक्ति दिलाने के लिये आउटसोर्स के माध्यम से डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। देश में मध्यप्रदेश सभी जिलों में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य है।

डायलिसिस की सुविधा गरीब परिवार के मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। अन्य श्रेणी के मरीजों के लिये प्रति हीमोडायलिसिस सत्र 500 रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। वर्ष 2017-18 में डायलिसिस इकाईयों के माध्यम से किडनी की बीमारी से पीड़ित 1750 मरीजों को 53 हजार 566 हीमोडायलिसिस सत्रों के माध्यम से इस सुविधा का लाभ दिया गया। प्रदेश में किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि परिलक्षित होने के कारण यह व्यवस्था की गई है। जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा मुहैया करवाई गई है।

किडनी की बीमारी का समुचित उपचार बहुत जटिल होता है। पूर्व में प्रदेश के कुछ बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में ही इसका उपचार उपलब्ध हो रहा था। मरीज को सामान्यत: सप्ताह में दो-तीन बार हीमोडायलिसिस करवाना पड़ता है। यह सुविधा मात्र कुछ शहरों तक सीमित होने के कारण मरीजों को उपचार के लिये अपने निवास स्थान से बड़े शहरों में बार-बार जाना पड़ता था। हीमोडायलिसिस के उपचार पर प्रति सत्र 1500 से 2000 रूपये तक का खर्च होता था। इसके अलावा मरीज को आने-जाने में और खर्च भी होते थे। इस तरह डायलिसिस के मरीज को माह में कम से कम 20 से 25 हजार रूपये तक खर्च करना पड़ता था। अब सभी चिकित्सालयों में यह सुविधा न्यूनतम खर्च में उपलब्ध हो जाने से किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को राहत मिली है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश