Posted on 10 Jan, 2017 9:41 pm

 

"पोषण के लिये कृषि और पोषण जागरूकता" कार्यशाला में मंत्री श्रीमती चिटनिस 

 

भोपाल : मंगलवार, जनवरी 10, 2017, 19:17 IST

 

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में आनंद पोषण मेले लगाये जायेंगे। समूह में आहार, आनंद का स्रोत है। अत: आनंद के साथ-साथ यह मेले पोषण साक्षरता के स्रोत बनेंगे। इन मेलों से पोषण संबंधी जानकारी के विस्तार में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रसोई घर में पोषण कैलेण्डर उपलब्ध करवाने के लिये भी विभाग प्रयासरत है। श्रीमती चिटनिस 'पोषण के लिये कृषि और पोषण जागरूकता' पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन कर रही थीं।

मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि पोषण को संस्था विशेष तक सीमित कर नहीं देखा जा सकता। यह परिवार और समुदाय की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक परिस्थिति से जुड़ा विषय है। इसके समाधान के लिये भी समन्वित पहल हो सके इस उद्देश्य से ही यह कार्यशाला की गई। इस दिशा में वन विभाग द्वारा महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को नर्सरी तैयार करने और पंचवटी से पोषण योजना के क्रियान्वयन में सहयोग देने पर सहमति हुई।

संचालक पशुपालन डॉ. आर.के. रोकड़े ने जानकारी दी कि उनके विभाग द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे परिवारों की महिलाओं को बकरी तथा मुर्गीपालन के लिये प्रोत्साहित करने की योजना शुरू की जा रही है। योजना का उद्देश्य इन परिवारों में पोषण तत्वों की उपलब्धता और खपत बढ़ाना है। इससे पोषण की स्थिति में सुधार होगा।

कार्यशाला में प्रदेश को कृषि और जलवायु के आधार पर 8 भाग में विभाजित करते हुए क्षेत्रों के लिये पोषण सुरक्षित नीति विकसित करने के उद्देश्य से 8 समूह का गठन किया गया था। इन समूहों में कृषि, उद्यानिकी, पशु पालन विभाग के अधिकारी, खाद्य वैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ और महिला-बाल विकास विभाग के अधिकारी शामिल थे। कार्यशाला में इन समूहों द्वारा अपने-अपने अंचल में उपलब्ध खाद्य सामग्रियों के आधार पर विकसित पोषण सुरक्षित रणनीति पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

कार्यशाला में शहरी क्षेत्र में छतों पर बगीचे विकसित करने, बकरी पालन को प्रोत्साहित करने, जैविक खेती के संबंध में कृषकों को प्रेरित करने पर भी चर्चा हुई। आयुक्त एकीकृत बाल विकास परियोजना श्रीमती पुष्पलता सिंह, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जयश्री कियावत, दीनदयाल शोध संस्थान के श्री जैन तथा वन, कृषि, उद्यानिकी, पशु पालन विभाग के अधिकारी, किसान विकास केन्द्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रतिनिधि तथा विषय-विशेषज्ञ उपस्थित थे।

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश