Posted on 27 Jun, 2018 5:59 pm

 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जिलों के कलेक्टर और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को आज ईवीएम/वीवीपैट की फर्स्ट लेवल चेकिंग के लिये एक वर्कशॉप में ट्रेनिंग दी गई। वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीना सिंह ने दीप जलाकर किया। वर्कशॉप में ईवीएम बनाने वाली कम्पनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल), बेंगलुरु के मध्यप्रदेश के जिलों में तैनात को-ऑर्डिनेटर/सुपरवाइजर भी उपस्थित थे।

वर्कशॉप को संबोधित करते हुए श्रीमती सलीना सिंह ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा आम निर्वाचन के लिये सभी जिलों को अभी से तैयारियाँ शुरू कर देनी चाहिये। चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी हों, इसकी जिम्मेदारी जिला कलेक्टर और निर्वाचन अमले की है। निर्वाचन के दौरान एक छोटी-सी गलती या त्रुटि पूरे चुनाव को प्रभावित करती है। चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन पूरी तत्परता से होना चाहिये। इसमें समय-सीमा का विशेष ध्यान रखा जाये। निर्वाचन संबंधी निर्देशों की जानकारी अधीनस्थ अमले को भी दी जाये। जिलों का निर्वाचन अमला पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से कार्य करे, यह सुनिश्चित करना जिला कलेक्टरों का काम है। निर्वाचन प्रक्रिया में कठिनाई या समस्या होने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय अथवा चुनाव आयोग से मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

श्रीमती सलीना सिंह ने निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहेंगे, इसीलिये पूरी गंभीरता से कार्य करना होगा। जब भी ट्रेनिंग हो, उसमें अवश्य शामिल हों। पुलिस अधीक्षक से मिलकर डिप्लॉयमेंट प्लान तैयार करवायें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान अनेक ऐसे अवसर भी आते हैं जब कठोर निर्णय लेना पड़ते हैं, इसके लिये जिला निर्वाचन अधिकारी का दायित्व निभाने वाले कलेक्टर तैयार रहें। श्रीमती सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव में इस बार नई वर्जन M-3 की ईवीएम का इस्तेमाल होगा, वहीं सभी 230 निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपैट का भी उपयोग होगा।

श्रीमती सिंह ने कहा कि जिलों में मतदाता जागरूकता के लिये स्वीप गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। शीघ्र ही जिलों में ईवीएम के अलावा मतदाताओं को वीवीपैट से परिचित करवाने के लिये प्रचार रथ पहुँचेंगे, उन्हें जिले के कोने-कोने तक पहुँचायें। श्रीमती सिंह ने बताया कि जिलों को उपलब्ध करवाई जा रही ईवीएम ओर वीवीपैट की फर्स्ट लेवल चेकिंग निर्वाचन प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। अभी तक 10 जिलों में एफएलसी का कार्य शुरू हो चुका है, शेष जिले भी इसके लिये तैयारी करें। तेरह जिलों के अलावा जिन जिलों ने मतदान केन्द्रों का युक्ति-युक्तकरण नहीं किया है, उसे शीघ्र करवायें। आर.ओ. तथा ए.आर.ओ. तथा निर्वाचन संबंधी स्टॉफ की कमी वाले जिले अपना प्रस्ताव शीघ्र भेजें। वोटर लिस्ट पूरी तरह शुद्ध एवं पारदर्शी होना चाहिये। सभी जिलों में बीएलओ डोर-टू-डोर अवश्य पहुँचें। दिव्यांगजनों के लिये मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाये। मध्यप्रदेश के सभी जिले चुनाव के लिये अनुकूल वातावरण बनाने में जुट जायें।

श्रीमती सलीना सिंह ने कहा कि सभी जिले ईवीएम और वीवीपैट के संधारण एवं सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। जिला कलेक्टर अभी से डिस्ट्रिक इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान तैयार करना शुरू कर दें। माइक्रो आब्जर्वर की व्यवस्था के साथ ही निर्वाचन व्यय निगरानी तथा कम्युनिकेशन प्लान की तैयारियाँ भी प्रारंभ कर दी जायें।

एफएलसी की ट्रेनिंग

कर्नाटक के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री वी. राघवेन्द्र और नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर श्री अतीक अहमद सिद्दीकी ने ईवीएम और वीवीपैट (वोटर वेरीफायबल ऑडिट ट्रेल) की विस्तृत जानकारी दी। श्री वी. राघवेन्द्र ने बताया कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित एवं विश्वसनीय है। इसे तकनीकी विशेषज्ञों की समिति से पूरी जाँच-पड़ताल के बाद भेजा जाता है। उन्होंने ईवीएम के उपयोग के संबंध में विधिक प्रावधानों की जानकारी भी दी। श्री राघवेन्द्र ने ईवीएम के साथ प्रयुक्त होने वाली बैलेट और कंट्रोल यूनिट के उपयोग की भी जानकारी दें। उन्होंने बताया कि पारदर्शी निर्वाचन के लिये वीवीपैट का इस्तेमाल किया जा रहा है। राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को वीवीपैट की भली-भाँति जानकारी दी जाना चाहिये। श्री सिद्दीकी ने ईवीएम ओर वीवीपैट की फर्स्ट लेवल चेकिंग की सूक्ष्मता से जानकारी दी। दोनों मशीनों के उपयोग करने की विधि का प्रस्तुतिकरण भी हुआ।

प्रारंभ में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री संदीप यादव, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री एस.एस. बंसल और उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राकेश कुसरे ने अतिथियों का स्वागत किया। अंत में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री प्रमोद शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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