Posted on 27 Jun, 2018 3:51 pm

 

बुरहानपुर जिले के नेपानगर में शनिवार 23 जून को पुष्पक एक्सप्रेस के सामने अपने डेढ़ माह के बेटे के साथ लेटकर आत्महत्या  का प्रयास करने वाली मुम्बई निवासी तबस्सुम को मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना ने ससम्मान जीने की राह दिखाई है। अब वह अपने दुधमुँहे बच्चे को पढ़ाकर काबिल बनाने का लक्ष्य लेकर जीना चाहती है।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली तबस्सुम का विवाह मुम्बई निवासी मोहम्मद साजिद के साथ हुआ था। शादी से पहले तबस्सुम अपनी सौतेली माँ सरवरी बाई से परेशान थी और शादी के बाद पति मोहम्मद साजिद द्वारा गर्भावस्था में ही तलाक दिए जाने के कारण परेशान थी। इसी परेशानी से निजात पाने के लिये नेपानगर रेल्वे स्टेशन पर पुष्पक एक्सप्रेस के सामने पटरियों पर अपने दुधमुँहे बच्चे को लेकर लेट गई थी। पूरी ट्रेन तबस्सुम और उसके बच्चे के ऊपर से निकल गई, लेकिन वह बच गई। तबस्सुम और उसके बच्चे को खरोंच तक नहीं आई।

रेल्वे पुलिस द्वारा तबस्सुम को वन स्टॉप सेंटर ''सखी'' भेजा गया। इस सेंटर द्वारा महिला बाल विकास की घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए उषा किरण योजना संचालित की जाती है। तबस्सुम को सखी सेन्टर की काउंसलर सुश्री रेखा भोंडवे और नंदा देशपाण्डे ने जीवन मूल्य के बारे में समझाया। उसे निःशुल्क विधिक सहायता दिलाने की व्यवस्था भी की।

बुरे वक्त में सखी सेंटर से मिली मदद ने तबस्सुम के लिए वह काम किया, जो एक ''सखी'' ही कर सकती है। सखी सेंटर से मिली मदद तबस्सुम के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफल हुई है। अब तबस्सुम मरना नहीं चाहती, बल्कि अपने दुधमुँहे बेटे रमजान के लिए जीना चाहती है। उसका कहना है कि अब वह बच्चे को बड़ा करके काबिल बनाना चाहती है और अपनी पूरी उर्जा इसी उद्देश्य की पूर्ति में लगाएगी।

सक्सेस स्टोरी (बुरहानपुर)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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