Posted on 02 Oct, 2018 6:41 pm

 

हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना अच्छी बात है, लेकिन अंग्रेजी का उपयोग श्रेष्ठता के लिये करना उचित नहीं है। राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात हिन्दी भवन में हिन्दी सेवी सम्मान समारोह में कही। श्री गुप्ता ने हिन्दी सेवियों को सम्मानित किया।

श्री गुप्ता ने कहा कि हिन्दी सेवियों को सम्मानित कर हम गौरवान्वित हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में बोलने का साहस किया था। उन्होंने मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा हिन्दी के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

श्री गुप्ता ने गैर-हिन्दी भाषी हिन्दी सेवी सम्मान से श्री जयेश मेहता, श्री सुनील सेठी, श्री दक्षेश ठाकुर, श्री बी. बालाजी राव, डॉ. छबिल कुमार मेहेर, श्रीमती श्रीलेखा थम्बी, श्री एच.एस. शशिकुमार और श्री जी.बी. रमन को सम्मानित किया।

राजस्व मंत्री ने हिन्दी सेवी संस्था सम्मान कर्नाटक हिन्दी प्रचार समिति, विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान और प्रदेश का समाज-सेवी सम्मान श्री दयाराम नामदेव को दिया। उन्होंने गैर-हिन्दी भाषी हिन्दी लेखकों को कृति पुरस्कार श्रेणी में अम्बिका प्रसाद वर्मा दिव्य पुरस्कार कृतिकार ई. अर्चना नायडू, हरिहर निवास द्विवेदी पुरस्कार श्रीमती अंजू मोटवानी, सैयद अमीर अली मीर पुरस्कार श्रीमती कोमल वाधवानी, स्व. हजारीलाल जैन स्मृति वांग्मय पुरस्कार प्रो. चंद्रा पी. त्रिवेदी, प्रकाश कुमारी हरकावत स्मृति नारी लेखन पुरस्कार डॉ. राजम नटराजन पिल्लै, श्रीमती हुक्मदेवी प्रकाशचंद कपूर स्मृति कृति पुरस्कार डॉ. पुनीता जैन, सम्पत्ति देवी विजयवर्गीय स्मृति महिला कल्याण पुरस्कार डॉ. श्रीमती आर.एच. लता, श्रीमती सुंदरबाई शंकरलाल तिवारी महिला कल्याण सम्मान श्रीमती मधु सरन, श्रीमती सतीश बालकृष्ण ओबराय महिला सम्मान श्रीमती रचना सक्सेना डेविड, श्रीमती रक्षा सिसोदिया शिक्षक सम्मान श्रीमती साधना श्रीवास्तव, यशवंत अरगरे स्मृति सकारात्मक हिन्दी पत्रकारिता पुरस्कार श्री दीपक पगारे, सर्वश्रेष्ठ पाठक पुरस्कार डॉ. नीतू दुबे, श्रीमती रश्मि जोशी स्मृति विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान श्री राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, रामायण-गार्गी मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार श्री हिमांशु जैन, रामचन्द्र-श्रीवल्लभ चौधरी मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार कु. दीक्षा शिर्के और डॉ. अजय दुबे एवं डॉ. अनिमेश दुबे संगीत पुरस्कार श्री सत्यम शर्मा तथा श्री कुणाल शर्मा को दिया।

हिन्दी राष्ट्र को जोड़ने वाला धागा

डॉ. श्रीमती राजम पिल्लै ने कहा कि हिन्दी राष्ट्र को जोड़ने वाला धागा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विचार-धाराओं का संगम है। यहाँ बार-बार डुबकी लगाने की इच्छा होती है। श्रीमती पिल्लै ने कहा कि स्व. प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति को कभी ह्रदय पर हावी नहीं होने दिया। मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री सुखदेव प्रसाद दुबे ने कहा कि सांस्कृतिक दृष्टि से हिन्दुस्तान एक था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी देश राष्ट्रभाषा के बगैर विकास नहीं कर सकता। श्री दुबे ने कहा कि हिन्दी में बात करने में गौरवान्वित महसूस करें, अंग्रेजी में नहीं। श्री कैलाशचन्द्र पंत ने भी विचार व्यक्त किये।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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