श्री थावरचंद गहलोत ने अनुसूचित जातियों के प्रति संवैधानिक सुरक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन का आहवान किया
Posted on 21 Jul, 2016 3:43 pm
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने राज्यों से अनुसूचित जातियों के प्रति अपराध मुक्त वातावरण बनाने के लिए संविधान में दिये गये अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जातियों के प्रति अत्याचारों को रोकने और उनको सशक्त करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को और मजबूत किया है। इन प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाये जाने और हर स्तर पर निगरानी प्रणाली गठित करने की आवश्यकता है।
श्री गहलोत आज अनुसूचित जातियों पर अत्याचारों और अनुसूचित जाति उपयोजना निधि के प्रयोग से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों, सामाजिक न्याय सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की बैठक का उद्घाटन करने के अवसर पर संबोधन कर रहे थे। श्री गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जातियों के प्रति छुआछूत को समाप्त करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। राज्य सरकारों को इस उद्देश्य के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रत्येक स्तर पर संवेदनशील बनाना होगा। विशेष न्यायालयों की स्थापना, जिला और राज्य स्तरीय निगरानी समिति की कार्यप्रणाली और नियमों के तहत आर्थिक सहायता का वितरण की निगरानी उच्चतम स्तर से होनी चाहिए। श्री गहलोत ने कहा कि विकास प्रयासों के बावजूद अनुसूचित जातियों के सामाजिक आर्थिक पिछडेपन के कायम रहने से विशेष और केंद्रित नीति बनाने की आवश्यकता उत्पन्न हुई है जिससे उन्हें संपूर्ण आर्थिक विकास के लाभ अधिक प्राप्त हो सकें। यह अनुसूचित जाति उप योजना के लिए बजट द्वारा प्राप्त किया जाएगा। अनुसूचित जाति उप योजना का प्रमुख उद्देश्य राज्यों और संघशासित प्रदेशों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के अनुपात में विशेष बजट और योजनाओं का आवंटन करना है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री विजय सांपला, श्री किशनपाल गुर्जर और श्री रामदास बंडू अठावले ने भी भाग लिया। इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष श्री पी एल पुनिया और उपाध्यक्ष डॉ. राजकुमार वेरका ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया।
बैठक में अनुसूचित जातियों के प्रति अत्याचार पर रोकथाम, हाथ से मैला ढ़ोने वालों की पहचान और पुनर्वास, अनुसूचित जाति उप योजना का क्रियान्वयन और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित राज्य सरकार की सेवाओं में आरक्षण के क्रियान्वयन की निगरानी पर विचार-विमर्श हुआ।
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India