Posted on 05 Oct, 2018 2:17 pm

 

प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में सरकार की स्व-रोजगार योजनाएँ मददगार साबित हो रही हैं। महिलाओं को भी स्व-सहायता समूह के माध्यम से स्व-रोजगार स्थापित करने के बराबर अवसर मिल रहे हैं।

रीवा के शिबू मौर्य प्रारंभ में छोटी दुकान से ही अपने परिवार के भरण-पोषण  के लिये व्यवसाय करते थे। उनके मन में इच्छा थी कि अपना व्यापार बढ़ायें। उन्होंने इसकी चर्चा अपने साथियों के बीच की, तो उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की जानकारी मिली। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में बिना कोई गारंटी के बैंक लोन मिल गया।

शीबू ने प्रिंटिंग प्रेस का व्यापार शुरू किया। आज उनका प्रिंटिंग प्रेस बढ़िया चल रहा है। उनकी प्रेस में अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। जिले में वर्ष 2017-18 में 1500 युवाओं को 29 करोड़ और वर्ष 2018-19 में अब तक 600 युवाओं को 16 करोड़ का ऋण प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में दिया गया है।

धार जिले में निसरपुर विकासखण्ड के ग्राम तलवाड़ा की जागृति बाई को ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से स्व-रोजगार मिला है। जागृति पूर्व में कृषि कार्य के साथ-साथ मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करती थी। जब उसे ग्रामीण आजीविका मिशन में स्व-सहायता समूह से जोड़ा गया, तो उसने समूह से डेढ़ लाख रुपये ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। किराना दुकान से जागृति बाई को अब नियमित रूप से अच्छी आमदनी होने लगी है।

 

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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