Posted on 24 Jun, 2019 1:55 pm

स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि स्वस्थ और विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के लिए शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा जाए।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अमले की क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार ने वचन-पत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के लिये 38 बिन्दु निर्धारित किये हैं। इनकी समय-सीमा में पूर्ति किया जाना है। श्री सिलावट ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिये धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने वर्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया सहित अन्य संक्रमक बीमारियों पर नियंत्रण के लिए पूर्व से ही तैयारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राणघातक बीमारियों का संक्रमण रोकने के लिए नगर निगम के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायें।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान में 63,000 आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने के लिये संभाग-स्तर पर सम्मेलन आयोजित किये जायें। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अमले की पूर्ति के लिए प्रयास जारी हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मेडिकल आफिसर की नियुक्ति के लिए प्रति बुधवार 'वॉक-इन-इन्टरव्यू'' के माध्यम से तथा 4791 अन्य अमले की भर्ती प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड से करने की प्रक्रिया जारी है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति और गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जननी एक्सप्रेस और 108 एम्बुलेंस की निरंतर मॉनीटरिंग की जाये। इस मौके पर परिवार कल्याण कार्यक्रम, मलेरिया नियंत्रण, क्षयरोग नियंत्रण, कुष्ठ रोग नियंत्रण सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गयी।

बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, आयुक्त स्वास्थ्य श्री नीतेश व्यास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

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