Posted on 12 Feb, 2018 5:43 pm

 
भोपाल : सोमवार, फरवरी 12, 2018, 16:36 IST

 

 

यह कहानी है अनूपपुर जिले की जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम बरबसपुर की निवासी सीमा सिंह की। सीमा सिंह के पति श्री राजेन्द्र सिंह की आकस्मिक मृत्यु के बाद भी आत्म-विश्वासी सीमा ने घर परिवार की जिम्मेदारी उठायी और शासन की मदद से पूर्णत: स्वावलम्बी बन गई है।

सीमा के पति की मृत्यु के बाद इनका पूरा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। सीमा ने दो बच्चों की शिक्षा और उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी पूरी करने के उद्देश्य से कृषि कार्य के साथ घर में सिलाई का काम शुरू किया। प्रति माह लगभग 1500 रुपये की आय से गुजारा नहीं होने के बाद आजीविका मिशन की समूह प्रेरक संध्या मिश्रा से मिली सीमा। सन्ध्या ने सीमा को लक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जोड़ा और समूह से 10 हजार रुपये का ऋण दिलवाया। सीमा ने इस राशि का उपयोग कृषि कार्य और सब्जी उत्पादन बढ़ाने में किया। फलस्वरूप अपेक्षा से अधिक सब्जी उत्पादन होने से अच्छा लाभ मिला और सीमा ने लोन के 10 हजार रुपये समय पर लौटा दिये। सीमा ने खेत में बोर भी करवा लिया और समूह से एक लाख रुपये का ऋण लेकर ऑटो रिक्शा खरीदा। रिक्शे पर वाहन चालक को रखकर बरबसपुर से अनूपपुर के बीच ऑटो रिक्शा चलवाया। इससे 8 से 10 हजार रुपये तक प्रति माह लाभ लेकर अभी तक 80 हजार रुपये का ऋण लौटा चुकी हैं।

सीमा सफलता की सीढ़ियां चढ़ती रहीं। अब इन्होंने कृषि और ऑटो के माध्यम से प्राप्त आय की बचत से घर पर ही किराना दुकान शुरू की है। इससे सीमा को करीब 3 हजार रुपये प्रति माह का लाभ प्राप्त होने लगा है। सीमा ने एक मोटर-साइकिल खरीदी है और घर में शौचालय भी बनवा लिया है। अब सीमा के दोनों बच्चे निजी विद्यालय में पढ़ रहे हैं।

सीमा अब आलू के चिप्स बनाने वाली मशीन लेकर उद्योग लगाने के लिये प्रयासरत है। सीमा के ससुर और देवर ने भी उनका आत्मबल बनाये रखा है। आज सीमा और उनका परिवार समाज में सम्मान के साथ अपना जीवन-यापन कर रहा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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