Posted on 14 Jun, 2016 7:11 pm

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने जन-प्रतिनिधियों से शाला से बाहर एवं शाला-त्यागी सभी बच्चों को शिक्षा की मूल-धारा से जोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाने का अनुरोध किया है। श्री जैन ने कहा है कि बच्चों की गुणवत्तायुक्त स्कूली शिक्षा के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिये इस साल भी 'स्कूल चलें हम'' अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य 6 से 18 वर्ष के शत-प्रतिशत बच्चों का शाला में प्रवेश एवं उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

श्री जैन के अनुसार अभियान के पहले चरण में ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी, समग्र शिक्षा पोर्टल, समग्र डाटा-बेस और डाइस डाटा-बेस को एकीकृत किया गया है। इसके क्रियान्वयन से 18 वर्ष तक के बच्चों का आँगनवाड़ी और स्कूल में नामांकन, शाला-त्यागी एवं अप्रवेशी बच्चों की प्रमाणिक जानकारी तथा उन्हें दिये जा रहे विभिन्न प्रोत्साहन की ऑनलाइन समीक्षा होगी।

दूसरा चरण नामांकन और उपस्थिति पर केन्द्रित है। प्रदेश में अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान स्थानीय पंच, जन-प्रतिनिधि और प्रेरकों के सहयोग से सामुदायिक सहभागिता तथा आमजन के शिक्षा के प्रति जुड़ाव के साथ शैक्षिक जन-जागरण का वातावरण बनाया जायेगा। साथ ही ग्राम/बसाहट में शाला से बाहर एवं शाला छोड़ चुके सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्य-धारा से जोड़ा जायेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध करवाना सर्व-शिक्षा अभियान का मुख्य ध्येय है। इस साल शैक्षिक सत्र की शुरूआत से प्रत्येक शाला में एक माह तक पिछली कक्षा के कोर्स का रिवीजन करवाया जायेगा। माह के अंत में बच्चों की दक्षता में सुधार का आकलन होगा। शाला-स्तर पर कक्षा के अनुरूप दक्षता अर्जित न कर पाने वाले बच्चों के लिये प्रतिदिन प्रति विषय न्यूनतम एक घण्टे की विशेष कक्षा लगायी जायेगी। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी नेतृत्व भूमिका से 'स्कूल चलें हम'' अभियान को अपने क्षेत्र में सफल बनाने में अपना अमूल्य योगदान करें।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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