Posted on 28 Sep, 2018 9:17 pm

 

मध्यप्रदेश की करीब 25 हजार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में संचालित किये जा रहे 'शाला सिद्धि-अपनी शाला ऐसी हो'' कार्यक्रम की चैम्पियन शालाओं ने भोपाल में हुई कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्यों की प्रस्तुतियाँ आज दीं। दो-दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ राज्य शिक्षा केन्द्र की संचालक सुश्री आईरीन सिंथिया जे.पी. ने किया। उन्होंने कहा कि शाला सिद्धि कार्यक्रम में जिन स्कूलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उससे कार्यक्रम से जुड़ी अन्य शालाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। इस मौके पर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा), नई दिल्ली की प्रोफेसर श्रीमती प्रणति पांडा भी मौजूद थीं।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने कहा कि शाला सिद्धि कार्यक्रम में शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों की उपलब्धता पर जोर दिया गया है। इस कार्यक्रम में नये-नये प्रयोगों की निरंतर आवश्यकता है। इसके साथ ही शिक्षकों के बीच समन्वय और संवाद की जरूरत हैं।

कार्यशाला के पहले दिन 28 जिलों खण्डवा, अशोकनगर, पन्ना, नीमच, गुना, भिण्ड, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगौन, मुरैना, दतिया, सागर, आगर-मालवा, रतलाम, देवास, श्योपुर, झाबुआ, छतरपुर, दमोह, शाजापुर, धार, मंदसौर, इंदौर, ग्वालियर, शिवपुरी, बुरहानपुर, टीकमगढ़ और उज्जैन जिले की चार-चार शालाओं के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए।

कार्यशाला में मुख्य रूप से शिक्षण कौशल, शिक्षण की योजना, सीखने और सिखाने की क्षमता, शाला प्रबंधन समिति की भूमिका पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

 

 

 

 

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