Posted on 29 Sep, 2018 1:49 pm

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत गाँव-गाँव वॉटर शेड बनाने से खेतों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी मिलने लगा है। इसके अलावा, गाँव के हैण्ड पम्पों का वॉटर लेवल भी बढ़ रहा है। वॉटर शेड परियोजना से कृषि उत्पादन बढ़ाने में सहायता मिल रही है।

नरसिंहपुर जिले के 4 विकासखण्डों के 49 गाँव में वॉटर शेड परियोजना अन्तर्गत 129 नये तालाब, खेत तालाब बनवाये गये हैं। इन तालाबों से जिले के ग्रामीण अंचल में करीब 211 हेक्टेयर कृषि रकबे में पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। तालाबों के बनने से जहाँ एक ओर क्षेत्र में जल-संरक्षण को गति मिली है, वहीं दूसरी ओर सिंचाई का रकबा भी बढ़ा है। वॉटर शेड की ये परियोजनाएँ जनपद पंचायत चीचली, सांईखेड़ा, गोटेगाँव और चांवरपाठा की 26 ग्राम पंचायतों के 46 गाँवों में चलाई जा रही है।

वॉटर शेड परियोजना से जुड़े किसानों और ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी और रोजगार के विभिन्न साधन उपलब्ध कराने की पहल की गई है। करीब 3 लाख 16 हजार घन मीटर जल-भण्डारण क्षमता के इन तालाबों में ग्रामीणों को मछली-पालन के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

जनपद पंचायत चीचली के ग्राम बांदरबर्रू निवासी कृषक जफर अली तालाब बनने के पहले सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण धान की फसल नहीं ले पाते थे। अब पर्याप्त सिंचाई सुविधा मिलने से इन्होंने 3 एकड़ में धान की फसल लगाई है, जिसे वॉटर शेड परियोजना में निर्मित तालाब के पानी से पर्याप्त सिंचाई मिल रही है। जनपद पंचायत सांईखेड़ा की ग्राम पंचायत सोकलपुर में तालाब बनने से हैण्ड-पम्पों का वॉटर लेवल बढ़ गया है। किसान हरदयाल सिंह नोरिया इस बात पर प्रसन्न हैं कि ग्रामीणों को अब भरपूर पानी मिल रहा है। वॉटर शेड परियोजना के क्रियान्वयन से नरसिंहपुर जिले के ग्रामीण अंचल में सुख-समृद्धि का प्रवेश हो गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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