Posted on 11 Jan, 2017 9:37 pm

 

सागर में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी में उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया 

 

भोपाल : बुधवार, जनवरी 11, 2017, 19:42 IST

 

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि विश्वविद्यालय केवल शैक्षणिक कार्य तक ही सीमित न रहें। यदि वैज्ञानिक शोध कार्यों में विश्वविद्यालय ने रुचि नहीं दिखायी, तो हम उच्च शिक्षा में वह लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेंगे, जो करना चाहते हैं। श्री पवैया ने यह बात डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी में कही।

श्री पवैया ने कहा कि विज्ञान प्रकृति के रहस्यों की खोज का नाम है। प्रकृति पर विजय पाने जैसे शब्दों ने मनुष्य समाज को संकट में डाला है। हम विज्ञान से उत्पन्न सुविधाओं का भोग प्रकृति का शोषण कर करते हैं। मानव समाज और प्रकृति के बीच इस टूटे संबंध के कारण जो विज्ञान कल्याणकारी है, वही संकट में डाल सकता है।

श्री पवैया ने कहा कि भारत वह देश है, जहाँ 7500 साल पहले पुष्पक विमान और 2500 साल पहले चरक च्यवन विज्ञानी ऋषि होते थे। मध्य-काल में भारतीय जड़वत से हो गये। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि देश का युवा दुनिया की नयी वैज्ञानिक कतार में खड़ा है। श्री पवैया ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालय अब शोध कार्य पर आधारित होना चाहिये, क्योंकि विश्वविद्यालय का काम नये-नये आविष्कार देना होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों को इस दिशा में संसाधन भी उपलब्ध करवाने पर विचार करेगी।

संगोष्ठी में पद्मश्री प्रो. गोवर्धन मेहता, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी, प्रो. मैल्कॉम लेविट, प्रो. ब्रूस सीली, प्रो. राज जैविचराच, प्रो. नवीन कानगो, डॉ. के.के. डे, प्रो. जे.डी. आही सहित देश-विदेश के 300 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश