Posted on 18 Apr, 2017 7:22 pm

भोपाल : मंगलवार, अप्रैल 18, 2017, 19:20 IST
 

विश्व धरोहर दिवस पर भीमबेठका के शैलाश्रयों और चित्रकारी पर केन्द्रित प्रदर्शनी का उदघाटन आयुक्त पुरातत्व एवं जनसम्पर्क श्री अनुपम राजन ने किया। भीमबेठका के शैलाश्रय प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारी के लिये लोकप्रिय हैं और भीमबेठका की गुफाएँ आदिमानव द्वारा बनाये गये शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिये प्रसिद्ध हैं।

प्रदर्शनी में 65 चित्रों के माध्यम से भीमबेठका के विभिन्न आयामों, उत्खनन प्रक्रिया सहित भीमबेठका के खोजकर्ता डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के जीवन के संदर्भ में जानकारी दी गई है। संचालनालय पुरातत्व एवं अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा राज्य संग्रहालय में लगायी गयी यह प्रदर्शनी 18 से 25 अप्रैल तक सुबह 10.30 से सायं 5.30 तक सभी के लिये खुली रहेगी।

श्री अनुपम राजन ने कहा कि पुरातत्व सामग्री तथा काल गणना की जानकारी सरल भाषा में देने से प्रदर्शनी और अन्य माध्यम जिज्ञासु व्यक्तियों के लिये अधिक रूचिकर व जानकारी परक बनते हैं। श्री राजन ने उत्खनन प्रक्रिया, विभिन्न ऐतिहासिक कालों में औजारों तथा रंगों की निर्माण प्रक्रिया की जानकारी भी ली।

भीमबेठका की खोज डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा वर्ष 1957-58 में की गई थी। भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर रायसेन जिले में स्थित भीमबेठका को जुलाई 2003 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यहाँ सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार वर्ष पुराना माना जाता है। भीमबेठका में लगभग 750 शैलाश्रय हैं, जिनमें से 500 में शैल चित्र बने हुए हैं। विश्व धरोहर दिवस पर आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य जन-सामान्य को सरलता से अपनी समृद्ध धरोहर से परिचित कराना तथा उसके प्रति संवेदनशील बनाना है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश