विमुद्रीकरण का मध्यप्रदेश के किसानों ने किया व्यापक समर्थन
Posted on 09 Jan, 2017 8:57 pm
मंडियों में नवंबर-दिसंबर, 2016 में पिछले वर्ष के मुकाबले 31.92 प्रतिशत अधिक आवक
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भोपाल : सोमवार, जनवरी 9, 2017, 19:40 IST | ||
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक विमुद्रीकरण के निर्णय का मध्यप्रदेश के किसानों ने व्यापक समर्थन किया है। इस वर्ष मंडी में कृषि जिन्सों की आवक पिछले वर्ष की तुलना में कहीं अधिक रही है। वर्ष 2016 के नवम्बर और दिसम्बर में कृषि जिन्सों की आवक वर्ष 2015 के मुकाबले 31.92 प्रतिशत ज्यादा रही है। राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि नवम्बर 2016 में प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों में 18 लाख 94 हजार मीट्रिक टन कृषि जिन्सों की आवक हुई, जो पिछले वर्ष इसी माह में 17 लाख 32 हजार मीट्रिक टन थी। इस तरह यह 9.37 प्रतिशत की वृद्धि है। दिसम्बर 2016 में भी पिछले चार वर्ष में इसी माह हुई आवक की तुलना में सर्वाधिक कृषि जिन्सों की आवक कृषि उपज मंडी समितियों में हुई है। वर्ष 2016 में 34 लाख 22 हजार मीट्रिक टन आवक हुई, जो पिछले साल इसी माह में 22 लाख 98 हजार मीट्रिक टन थी। आवक में यह वृद्धि 48.91 प्रतिशत है। नवम्बर और दिसम्बर, 2016 में मण्डियों में कुल आवक पिछले वर्ष इसी अवधि की आवक की तुलना में 31.92 प्रतिशत अधिक है। दो माह में मंडियों में नगद लेन-देन में 95% की कमी प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि प्रदेश की मंडियों में विमुद्रीकरण के पहले रूपये 200 करोड़ का सालाना नगद लेन-देन होता था। विमुद्रीकरण के बाद इस नगद लेन-देन में लगभग 95 फीसदी की कमी आई है। नवंबर-दिसंबर, 2016 में मंडियों में नगदी लेन-देन महज 5 फीसदी होना पाया गया है। यह संभव हुआ मंडियों में कैशलेस व्यवस्थाओं के कारण।
विमुद्रीकरण के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक विशेष बैठक में मण्डियों में किसानों का भुगतान पारदर्शी तरीके से समय पर होना सुनिश्चित करने की व्यवस्था के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी कृषि उपज मंडी में किसानों को बैंकों से आरटीजीएस, नेफ्ट, बैंकर्स चेक और अकाउंट पेयी चेक के जरिये भुगतान सुनिश्चित करवाया गया। इसी तरह मंडियों में समर्थन मूल्य पर कपास, धान, मक्का की खरीदी की व्यवस्थाएँ की गई और केन्द्र शासन की प्राईज स्टेबलाइजेशन योजना में भारतीय खाद्य निगम, एसएफएसी एवं नाफेड के जरिये तुअर, उड़द, मूँग की खरीदी की गई। प्रदेश की मंडी समितियों में उपलब्ध अनाज भण्डारण के गोदामों में किसानों को भण्डारण की मुफ्त सुविधा उपलब्ध करवायी गयी। यह व्यवस्था 31 मार्च, 2017 तक जारी रहेगी। |
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश