Posted on 03 Jan, 2019 3:53 pm

 

वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने आज विभागीय समीक्षा के दौरान नर्मदा किनारे के 24 जिलों में किये गये पौध-रोपण, तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिये गये जूते, चप्पल, साड़ी, वन विकास निगम द्वारा पिछले 5 साल में रोपे गये पौधों और तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिये गये बोनस की जिलावार जानकारी देने के निर्देश दिये। श्री सिंघार ने कहा कि जिलों में केवल उत्तम परफार्मेंस के आधार पर ही अधिकारियों की मैदानी पोस्टिंग करें। अधिकारी किये गये कार्यों की हर सप्ताह रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्री के.के. सिंह भी मौजूद थे।

तेंदूपत्ता संग्राहकों को करें नगद भुगतान

श्री सिंघार ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को भविष्य में नगद भुगतान करें। खातों में पैसा जाने से उनको अनावश्यक विलम्ब और परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि पौधों की मॉनीटरिंग तकनीकी रूप से उपलब्ध हाईटेक साधनों से करें।

सभी शाखाओं की गहन समीक्षा

वन मंत्री ने वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन, वन विदोहन, निस्तार, प्रदाय, अनुसंधान एवं विस्तार, वन आवरण, वन क्षेत्र, वृक्षारोपण, वन संरक्षण, वन्य-प्राणी प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग, वानिकी, फॉरेस्ट गवर्नेंस, संयुक्त वन प्रबंधन, वनाधिकार नियम, ग्रीन इण्डिया मिशन, विभाग के मण्डल, बोर्ड, संस्थान, लघु वनोपज संघ, ईको पर्यटन विकास बोर्ड, जैव-विविधता बोर्ड, बाँस मिशन आदि की गतिविधियों की गहन समीक्षा की।

शाखा प्रभारियों से वन-टू-वन मिलेंगे वन मंत्री

वन मंत्री ने कहा कि वे प्रत्येक शाखा के प्रभारी से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शाखा प्रभारी हर तरह की जानकारी के संकलन के बाद ही उनसे मिले। वन मंत्री ने अधिकारियों से उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं के बारे में भी चर्चा की।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख श्री बी.एस.एस. राठौर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री यू. प्रकाशम, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री राजेश श्रीवास्तव और विभाग के सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​