Posted on 18 Nov, 2016 6:33 pm

भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 18, 2016, 17:55 IST
 

राज्यपाल श्री ओमप्रकाश कोहली ने कहा है कि विद्यार्थी डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आदर्शों को अपने जीवन में अमल में लायें तथा उनका देश और दुनिया में प्रचार-प्रसार करें। डॉ. अम्बेडकर सामाजिक और आर्थिक समानता और समरसता में विश्वास करते थे। वे कहा करते थे कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोग शिक्षित हों, संगठित हों। राज्यपाल श्री कोहली आज अम्बेडकर नगर (महू) में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि आज के इस विज्ञान और तकनीक के युग में समाज विज्ञान का बहुत महत्व है। डॉ. अम्बेडकर विश्वविद्यालय मुख्य रूप से समाज विज्ञान, ग्रामीण विकास और डॉ. अम्बेडकर के विचारों के अध्ययन, शोध और प्रचार-प्रसार का कार्य करता है। यह विश्वविद्यालय सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की वकालत करता है। उन्होंने कहा कि आज डॉ. अम्बेडकर के आदर्शों पर चलकर सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि विद्यार्थी अपना लक्ष्य ऊँचा रखें तथा उसे हासिल करने के लिये समर्पित भाव से काम कर जीवन में सफलता अर्जित करें। समाज विज्ञान पर केन्द्रित यह विश्वविद्यालय देश में अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का जीवन बहुत ही संघर्षमय था। उन्होंने हमेशा सामाजिक असमानता के विरूद्ध संघर्ष किया और भारतीय संविधान की संरचना करते समय समतामूलक समाज बनाने पर जोर दिया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा समाज विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य किये जाने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अच्छा काम कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

  केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य डॉ. अम्बेडकर के आदर्शों का प्रचार-प्रसार और समाज में समता, समरसता और सदभाव कायम करना है। विश्वविद्यालय में अध्ययन और अध्यापन का स्तर ऊँचा बनाये रखना है। विश्वविद्यालय द्वारा देश के 21 अन्य विश्वविद्यालय में डॉ. अम्बेडकर और बाबू जगजीवनराम अध्ययन पीठ की स्थापना की गई है। भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के जरिये कमजोर वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को उच्च स्तर की शिक्षा दी जा रही है। डॉ. अम्बेडकर ने जीवनभर इन्हीं वर्गों के उत्थान के लिये संघर्ष किया और काम भी किया।  

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने दलित वर्ग के उत्थान के लिये अद्वितीय योगदान दिया। हमें आज उनके आदर्शों पर चलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन अपने स्तर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों को विदेश में अध्ययन करने तथा देश में प्रायवेट मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने के लिये सुविधाएँ प्रदान करता है। 

कुलपति डॉ. आर.एस. कुरील ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर विश्वविद्यालय की शाखाएँ मध्यप्रदेश के सभी जिलों में खोली जा रही हैं। इसके लिए 12 जिले में विश्वविद्यालय को 50-50 एकड़ जमीन जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवा दी गई है। यह विश्वविद्यालय देश में शोध के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने विद्यार्थियों को कर्त्तव्य और सत्य-निष्ठा की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत को डी.-लिट् और स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।  राज्यपाल ने विद्यार्थियों को उपाधि भी वितरित की। प्रारंभ में राज्यपाल ने डॉ. अम्बेडकर और भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश