Posted on 25 Aug, 2018 4:20 pm

 

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में 5 से 7 सितम्बर तक समाधान शिविर लगाये जायेंगे। शिविरों में प्रदेश के महाविद्यालयों / विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत एवं पासआउट विद्यार्थियों के परीखा परिणाम समय पर घोषित नहीं होना, विद्यार्थियों की मूल अंक सूची, अंकसूची में त्रुटि सुधार, माईग्रेशन प्रमाण-पत्र, नामांकन प्रमाण-पत्र, उपाधि प्रमाण-पत्र और पात्रता प्रमाण-पत्र संबंधी प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जायेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश जारी कर दिये हैं।

समाधान शिविर प्रत्येक विश्वविद्यालय के परिसर / हाल में सुबह 11 से शाम 5 बजे तक होंगे। शिविर में पूर्व शिविर की लम्बित शिकायतों के साथ शिविर में प्राप्त शिकायतों पर उसी दिन कार्यवाही की जायेगी। ऐसी शिकायतें, जिनका निराकरण उस दिन किया जाना संभव नहीं होगा, के बारे में कुलसचिव द्वारा संबंधित विद्यार्थी को एक सप्ताह में निराकरण करने की लिखित सूचना दी जायेगी।

अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यों का दायित्व भी सुनिश्चित किया गया है। शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त सभी महाविद्यालय के प्राचार्य अपने क्षेत्र में विद्यार्थियों के लम्बित प्रकरणों की जानकारी एकत्रित कर एकजाई करेंगे। एकजाई सूची अतिरिक्त संचालक को सौंपेगे। अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य एकजाई सूची के साथ इस आशय का प्रमाण-पत्र अतिरिक्त संचालक को प्रस्तुत करेंगे कि उनके क्षेत्र में विद्यार्थियों से संबंधित प्ररकण लम्बित नहीं है।

अतिरिक्त संचालक का दायित्व होगा कि वे अपने क्षेत्र के सभी अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य से सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरण सहित विद्यार्थियों की लम्बित शिकायतों की सूची/ प्रकरण प्रमाण-पत्र सहित अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। प्राप्त सूची 5 सितम्बर से पहले संबंधित कुलसचिव को सौंपे और अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों से संबंधित कोई भी शिकायत लम्बित नहीं होने का प्रमाण-पत्र अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य के आधार पर विभाग को आवश्यक रूप से भेजें।

शिविर के आयोजन का उत्तरदायित्व संबंधित कुलसचिव का होगा। सभी प्रचार्य, अग्रणी प्राचार्य एवं अतिरिक्त संचालक द्वारा शिविर की सूचना विद्यार्थियों को देते हुए उन्हें समस्या निराकरण के लिये समाधान शिविर में आने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। शिविर के बाद विद्यार्थियों की समस्या/ प्रकरण लम्बित पाया जाता है, तो संबंधित जिले के अग्रणी प्राचार्य, महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संबंधित अतिरिक्त संचालक की जवाबदारी सुनिश्चित की जायेगी।

शिविर की सूचना सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य, अग्रणी प्राचार्य, अतिरिक्त संचालक एवं कुलसचिव द्वारा कार्यालय के सूचना-पटल पर चस्पां की जायेगी। शिविर की जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में 10 सितम्बर को कुलसचिव एवं अतिरिक्त संचालक के संयुक्त हस्ताक्षर से भेजने के निर्देश भी दिये गये हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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