Posted on 23 Jul, 2016 3:56 pm

विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से रिलायंस फाउंडेशन युवा खेलों के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ


आप सब को मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं। खेल अपने आपमें सामान्य व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए और अगर खेल को हम जिंदगी का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो जीवन एक प्रकार से विकसित नहीं होता है। कुछ लोगों के दिमाग में ऐसा भरा पड़ा है कि physical health के लिए खेल जरूरी है। ये बहुत ही सीमित सोच है। व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए, overall development के लिए खेल जीवन का हिस्सा होना बहुत अनिवार्य है। खेल से समाज-जीवन भी विकसित होता है, राष्ट्र-जीवन भी विकसित होता है। 

भारत जैसे देश जहां पर करीब-करीब 100 भाषाएं हों, 1700 dialects हो, भांति-भांति के पहनावे हो, भांति-भांति के खान-पान हो। हमारे देश में तो एक छोर से दूसरे छोर तक district level की टीमें अगर खेलती रहें, 12 महीनें खेलती रहें तो खेल ही नहीं National Integration का ये सबसे बड़ा एक आधार बन सकता है। और इसलिए भारत में खेल तो व्यक्तित्व के विकास के साथ, समाज के अंदर एक lubrication के लिए, क्योंकि जो sports हो तो sportsman spirit आता है और जब sportsman spirit होता है तो एक प्रकार से पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में ये lubrication का काम करता है, खुलापन लाता है, दूसरों को स्वीकारने का सामर्थ्य देता है। 

खेल में जीतने का जितना आनंद होता है, उससे ज्यादा पराजय को पचाने की एक बहुत बड़ी ताकत खेल से आती है। जो व्यक्ति जिंदगी में खेलता रहता है। कभी लुढ़क जाता है फिर कभी उठकर खड़ा हो जाता है, वो कभी जिंदगी के और अवसरों पर हार नहीं मानता है। खेल एक जीवन के अंदर ऐसे गुणों को विकास करता है, जीवन भर जूझने का सामर्थ्य देता है, खिलाड़ी कभी हार नहीं मानता है। जो खिलाड़ी सिर्फ शारीरिक खेल खेलता है, उसकी मैं बात नहीं करता हूं। जो शरीर और मन से खेल से जुड़ा हुआ होता है, वो इसको पा सकता है और इसलिए sports का अपने जीवन में, राष्ट्र के जीवन में महत्व होना चाहिए। 

आप सब आज फुटबाल खेलने की शुरुआत कर रहे हैं, match कर रहे हैं और मैं Reliance sports foundation को बधाई देता हूं कि उन्होंने देश की युवा पीढ़ी के साथ जुड़कर के खेल को महत्व देना का प्रयास किया है। Talent को खोजना, ये सबसे बड़ा काम होता है और जब तक व्यापक स्तर पर हमारे बाल मित्रों को खेलने का मौका नहीं मिलता है, Talent का पता ही नहीं चलता है और आज sports के साथ, glamour भी आई है और उसके कारण कभी-कभी परिवार के लोग भी बच्चों को खिलाड़ी तो बनाना चाहते हैं लेकिन सुबह 4 बजे मेहनत करने की बात आए तो थोड़े पीछे रह जाते हैं तो पहले इसमें glamour आए, भले ही उसमें celebrity का status बन जाए लेकिन खेल कठोर परिश्रम के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है। 

मुझे विश्वास है कि Reliance foundation के द्वारा लगातार sports को बढ़ावा देने के लिए grass route पर अनेक विभिन्न स्पर्धाएं चलती रहेंगी और स्पर्धाओं में से talent निकलेंगी और जितनी स्पर्धा से talent निकलेंगी, उतना ज्यादा लाभ होगा। मेरी Reliance foundation को, नीता बहन को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं और आप सभी विद्यार्थियों को, आप बाल मित्रों को, sports के जीवन में पराजय को हमेशा अवसर मानना, पराजय से कभी परेशान मत होना। पराजय सिखाता है, बहुत कुछ सिखाता है और जो खेलता नहीं है वो न जीतता है और न ही पराजित होता है। जीतता भी वही है, पराजित भी वो ही होता है जो खेलता है और खिलता भी वही है जो खेलता है। 

जो खेले, वो खिले अगर आप खेलते ही नहीं है तो खिल भी नहीं सकते हैं। और इसलिए व्यक्तित्व का विकास करना है, खुद को खिलते हुए देखना है। जैसे कमल का फूल खिलता है, जैसे एक पौधा खिलता है, वैसे ही जीवन भी खिलता है और खेल खिलने के लिए एक सबसे बड़ी औषध है, सबसे बड़ा अवसर है, सबसे बड़ी challenge भी है। और इसलिए मैं आज आप सब बाल मित्रों के माध्यम से खेल जगत से जुड़े हुए सबको शुभकामनाएं देता हूं। Sports शब्द, उस एक शब्द से हम खेल जगत की दिशा क्या हो, खेल जगत की दृष्टि क्या हो इसको भलीभातिं व्याखित कर सकते हैं। जब हम sports कहते हैं: S stands for Skill, P stand for Perseverance, O stands for Optimism, R stands for Resilience, T stands for Tenacity, S stands for Stamina, इन सब चीजों को लेकर हम पूरी अपनी रचना करेंगे तो हमको बहुत सफलता मिलेगी और आज इस अवसर पर मैं आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, I wish you all the best.

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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