विकास के लिये क्रांतिकारियों जैसे जोश, जुनून और जज्बे़ की जरूरत – मुख्यमंत्री श्री चौहान
Posted on 15 Aug, 2016 11:27 am
रोजगार कैबिनेट का गठन होगा, दैनिक वेतन भोगियों को मिलेगा स्थायी कर्मचारियों जैसा लाभ
|
|
भोपाल : सोमवार, अगस्त 15, 2016, 13:50 IST | |
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विकास के लिये वैसे ही जोश, जूनून और जज्बे़ की जरूरत है जैसा स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों ने दिखाया था। उन्होंने नागरिकों का आव्हान किया कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें और नये संकल्प के साथ मध्यप्रदेश के विकास में जुट जायें। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए अपने संदेश में श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विकास और लोगों की तरक्की के समर्पित प्रयासों की यात्रा निरंतर जारी है। श्री चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों को नमन किया। श्री चौहान ने आज राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। रोजगार केबिनेट बनाने की घोषणा श्री चौहान ने रोजगार की नई संभावनाएँ चिन्हित करने और पात्र लोगों को रोजगार पाने में मदद करने के लिये रोजगार केबिनेट बनाने की घोषणा की। इसके लिये अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगियों को स्थायी कर्मियों के रूप में लिया जायेगा ताकि उन्हें भी वेतनमान, वेतन वृद्धि और मंहगाई भत्ता आदि की सुविधाएँ मिलेंगी। साथ ही उनकी योग्यतानुसार अन्य विभागों में उनका समायोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कार्यभारित कर्मियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा। शासकीय कर्मियों को सातवाँ वेतनमान दिया जायेगा। श्री चौहान ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जन्म स्थली आजादनगर, अलीराजपुर से “याद करो कुर्बानी” कार्यक्रम के शुभारंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि भोपाल में शौर्य स्मारक एवं धावाबावड़ी, बड़वानी, में भीमा नायक स्मारक का शीघ्र लोकार्पण किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी लोकप्रिय वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं जिनके नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है। श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे समतामूलक समाज की स्थापना के लिये प्रतिबद्ध है जिसमें बिना भेदभाव के सभी सभी को विकास का लाभ मिले। मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आर्थिक विकास दर प्रचलित मूल्यों पर निरंतर दो अंकों में बनी हुई है। आनंद विभाग का गठन मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश आनंद विभाग गठित करने वाला देश का पहला राज्य है। इसी के अंतर्गत राज्य आनंद संस्थान भी बनाया गया है। किसानों के हितों के संरक्षण के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि विगत वर्ष प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसानों को 5000 करोड़ से अधिक की राहत राशि भी वितरित की गई। कृषि से जुड़े क्षेत्रों में किये गये प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में जहाँ देश में दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 6.27 प्रतिशत थी, वहीं मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 12.70 प्रतिशत रही है। बिजली में सरप्लस विगत 10 साल में सिंचाई क्षमता में वृद्धि की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई का रकबा 40 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली के मामले में मध्यप्रदेश सरप्लस राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत उत्पादन क्षमता को वर्ष 2022 तक 22 हजार मेगावाट से अधिक किया जायेगा। वर्तमान में प्रदेश में 17 हजार 169 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। किसानों को विद्युत प्रदाय में विगत वर्ष लगभग सात हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई। नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता 3 हजार 176 मेगावाट हो गई है। ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता का क्षेत्र बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 5 लाख 40 हजार ग्रामीण शौचालयों का निर्माण किया गया, जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनावों में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के आवास परिसर में शौचालय होना अनिवार्य किया गया है। आगामी तीन साल में सभी गाँव बारहमासी सड़कों से जुड़ जायेंगे। पर्यावरण विभाग का गठन वन सम्पदा समृद्धि की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कान्हा टाइगर रिजर्व तथा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को पुरस्कृत किया गया। पहली बार तेन्दू पत्ता संग्राहकों को ई-पेमेंट से भुगतान किया गया है। प्रभावी रूप से पर्यावरण संरक्षण के लिये पर्यावरण विभाग का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में एक करोड़ 16 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। शहरी क्षेत्रों में पात्र परिवारों को शहर की किसी भी उचित मूल्य दुकान से सामग्री लेने की सुविधा भोपाल, इन्दौर एवं खण्डवा शहर में लागू कर दी गई है। श्री चौहान ने नगरों के सुनियोजित विकास के संबंध में कहा कि स्मार्ट सिटी योजना में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर में कम्पनी का गठन हो गया है। उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ के सफल आयोजन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मानवता के नाम 51 -सूत्रीय सार्वभौम अमृत संदेश जारी किया गया। उन्होंने सिंहस्थ के सफल आयोजन के लिये सभी को बधाई दी और कहा कि ऐसा आयोजन कहीं नहीं हुआ। 2000 नये उप-स्वास्थ्य केन्द्र “स्वस्थ मध्यप्रदेश” की अवधारणा को साकार करने का संकल्प दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि 11 नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हो रही है । स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 2000 नये उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मंजूरी दी गई है। लाडो अभियान से 82 हजार से अधिक बाल विवाह रोके गये। लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ 23 लाख बालिकाओं को मिल चुका है। कक्षा छटवीं में आने पर 17 हजार लाड़लियों को 2000 रुपए की छात्रवृत्ति दी जा रही है। स्कूली शिक्षा सुविधा विस्तार के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक संवर्ग को एक जनवरी 2016 से छठवाँ वेतनमान स्वीकृत किया गया है। सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिये विभाग उद्योग क्षेत्र की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2014 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक ढाई लाख करोड़ का निवेश हुआ है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये अलग विभाग का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में गत वर्ष 72 हजार हितग्राहियों को लाभ दिया गया। लगभग 48 हजार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में पाँच हजार करोड़ रुपये का पूँजी निवेश और करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिला है। अनुसूचित जाति - जनजाति के विकास के लिये प्रतिबद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास के लिये संकल्प दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि आदिवासी विकासखण्ड में सामुदायिक विकास प्रशिक्षण एवं रोजगार की योजनाओं में लगभग 5500 युवाओं को लाभ मिला। राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के सर्वांगीण विकास और संवैधानिक हितों के संरक्षण के लिये कटिबद्ध है। सामाजिक न्याय की दिशा में प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना में अब तक कुल 3 लाख 68 हजार 431 जोड़ों और निकाह योजना में 8 हजार 353 जोड़ों का विवाह हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को पाँच पर्यटन पुरस्कार मिलने की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि पिछले वर्षों में प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। खेलों को प्रोत्साहन देने के लिये सभी विधानसभा क्षेत्रों में विकास खंड स्तर पर ग्रामीण खेल परिसरों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में निरंतर सुधार के पुलिस बल में 6250 नवीन पद की स्वीकृति दी गई है। सभी थानों का कम्प्यूटरीकरण पूरा हो गया है। भूमि स्वामी एवं बटाईदार के हितों का कानून किसानों की आय दोगुनी करने के लिए रोड-मेप तैयार कर लिया गया है। इस वर्ष सहकारिता के क्षेत्र में 15 हजार करोड़ का ऋण वितरण किया जायेगा। मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना में किसानों को वस्तु ऋण के लिये 370 करोड़ का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रदेश में बटाई पर जमीन देने तथा लेने वाले दोनों के हित संरक्षण के लिए “मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बटाईदार के हितों का संरक्षण बिल-2016” बनाया गया है। इस कानून में भूमि-स्वामी अनुबंध के द्वारा अपनी भूमि दे सकेगा। भूमि पर स्वामित्व भू-स्वामी का ही रहेगा। इससे कृषि भूमि का रकबा तथा उत्पादन बढ़ेगा और जिससे बटाईदार और भू-स्वामी दोनों को लाभ होगा। उद्यानिकी को बढ़ावा मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश के प्रमाणीकृत जैविक खेती का 32 प्रतिशत क्षेत्रफल मध्यप्रदेश में है । इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जायेगा। उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये लगभग 600 क्लस्टर विकसित किये जायेंगे। आगामी एक साल में 50 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलें ली जायेंगी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जायेगी। प्याज के बेहतर भण्डारण की व्यवस्था के लिये अगले दो साल में पाँच लाख मीट्रिक टन प्याज भण्डारण की क्षमता विकसित की जायेगी। किसानों को नुकसान से बचाने के लिये सरकार ने जो प्याज खरीदा है उसे गरीबों में बाँटा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक योजना का काम जारी है। इससे 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। नर्मदा घाटी की सिंचाई परियोजनाओं से अगले वर्ष पाँच लाख 50 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित किया जायेगा। “नमामि देवि नर्मदे’’ यात्रा नवंबर में “हरियाली चुनरी योजना” में नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण एवं जलग्रहण क्षेत्र उपचार किया जा रहा है। माँ नर्मदा के जल को शुद्ध बनाये रखने में आमजन की सहभागिता के साथ “नमामि देवि नर्मदे” यात्रा नवम्बर में प्रारम्भ की जाएगी। नर्मदा नदी के दोनों तटों से एक-एक किलोमीटर चौड़ाई में एक वर्ष में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फल-पौध रोपण किया जायेगा। मध्यप्रदेश दीनदयाल अन्त्योदय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में गाँवों में रहने वाली 16 लाख 46 हजार निर्धन महिलाएँ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का नया इतिहास लिख रही हैं। हर परिवार को भूखण्ड एवं आवास देने के लिये आवासीय भूखण्ड का पट्टा देने का अभियान चलाया गया है। वर्ष 2022 तक कोई भी नागरिक आवासहीन नहीं रहेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में प्रदेश की एक तिहाई राशन दुकानें यथासंभव महिलाओं की संस्थाओं को आवंटित की जायेंगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक दुकान खोली जायेगी। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गरीब महिलाओं को वर्ष के अंत तक 20 लाख नवीन गैस कनेक्शन दिये जायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के दूसरे चरण के लिये ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना शहरों के प्रस्ताव भेजे गये हैं। राज्य सरकार अपने साधनों से अन्य शहरों को स्मार्ट सिटी का रूप देने की योजना बन रही है। स्वास्थ्य संवाद केन्द्रों की स्थापना स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच बढ़ाने के लिये सभी जिला चिकित्सालयों में आज से “स्वास्थ्य संवाद केन्द्र” की स्थापना की जा रही है। जबलपुर में स्टेट केंसर इंस्टीट्यूट एवं ग्वालियर में केंसर केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है। चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में 2000 बिस्तर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिये करीब 436 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है। ई-रक्त कोष का एकीकृत साफ्टवेयर शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये 4305 नवीन आँगनवाड़ी केन्द्र और 600 मिनी आँगनवाड़ी केन्द्र खोले जायेंगे। नैतिक शिक्षा और योग पाठ्यक्रम में शामिल श्री चौहान ने कहा कि नैतिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का फैसला लिया है। पाठ्यक्रमों में समय और आज की जरूरतों के अनुसार सुधार कर रोजगारोन्मुखी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र सहायता योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक कारणों से योग्य विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं रहें इसलिये मुख्यमंत्री मेधावी छात्र सहायता योजना प्रारम्भ की जायेगी। इसके लिये 1000 करोड़ तक का फण्ड बनाया जायेगा। शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्टफोन प्रदाय किया जाना प्रारंभ हो गया है। इस साल साढ़े तीन लाख छात्रों को स्मार्टफोन दिये जायेंगे। शहडोल में पंडित एस.एन. शुक्ला महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। नौ नये उद्योग क्षेत्रों की स्थापना औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की प्राथमिकता रेखांकित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष 22-23 अक्टूबर को इन्दौर में “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016” किया जा रहा है। वर्ष 2020 तक 2600 हेक्टेयर भूमि पर 2000 करोड़ की लागत से नौ नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जायेगी। अब तक ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश प्रदेश में आ चुका है। शिक्षा को और अधिक गुणवत्तायुक्त बनाने हेतु संविदा शाला शिक्षकों के लगभग 20 हजार पद भरे जाएंगे। ज्ञानोदय विद्यालय की सीट संख्या बढ़ाकर 6 हजार 400 की जा रही है। इन्दौर, जबलपुर और भोपाल में 720 सीटर आवासीय उत्कृष्ट विद्यालय ''गुरूकुलम्'' प्रारंभ किए जाएंगे। सायबर अपराधों के निराकरण के लिए विशेष न्यायालय कानून-व्यवस्था की दृष्टि से मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना-प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। आगामी एक वर्ष में डायल-100 योजना में 200 वाहन और बढ़ाये जायेंगे। पचास नये शहरों में सी.सी.टी.वी. आधारित सुरक्षा एवं निगरानी प्रणाली स्थापित की जायेगी। सायबर और उच्च तकनीकी अपराधों के निराकरण के लिए जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में विशेष न्यायालयों का गठन किया जायेगा। |
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश