Posted on 27 Mar, 2018 10:39 am

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन की 10 वीं साधारण सभा की बैठक में कहा कि देश और प्रदेश में विकास तथा पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की चुनौतियां हैं। इसलिये विकास की दिशा तय करना होगी। उन्होंने क्षिप्रा नदी के शुद्धीकरण पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने कहा कि गांवों में तालाब निर्माण तथा बारिश का पानी रोकने की ओर ध्यान देने की जरुरत है।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि तालाबों की सफाई, गहरीकरण तथा जलीय वनस्पतियों के उन्मूलन के लिए मशीनों का उपयोग किया जाये। नदियों में मिलने वाले प्रदूषित जल की उपचार प्रक्रिया के पश्चात शेष जल की गुणवत्ता ऐसी हो, जिसका उपयोग खेती-किसानी एवं बागवानी में किया जा सके।

राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध राज्य है। यहाँ पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिये पर्यटकों की सुविधाओं का विस्तार किया जाये। प्रमुख राजमार्गों और बड़े चौराहों पर पर्यटन स्थलों के साइन बोर्ड लागाये जायें। पर्यटन स्थल का पूरा विवरण साईन बोर्ड पर लिखा जाये। श्रीमती पटेल ने कहा कि पचमढ़ी प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां के तालाब और जल संसाधनों को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने बैठक में जलवायु परिवर्तन विषय पर शोध कार्य करने की महती आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को पत्र लिखकर शोधार्थियों को इस विषय पर शोध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

पर्यावरण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहन राव, अन्य विभागों के प्रमुख सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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