Posted on 29 Apr, 2018 5:36 am

 

उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय गुरूकुल सम्मेलन की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर विभिन्न गुरूकुलों से आये विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गईं। सांस्कृतिक संध्या में कला के विभिन्न रंग देखने को मिले।

सर्वप्रथम हेमचन्द्राचार्य गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न वाद्य-यंत्रों से शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया गया। इसमें नाद, पखावज सारंगी, संतूर, बाँसुरी, सितार, तबला और ढोल शामिल थे। इसके बाद विद्यार्थियों द्वारा वाद्य यंत्रों से लोकगीत घूमर घूमे रे और मिले सुर मेरा तुम्हारा धुन की प्रस्तुति दी गई।

सर्वोत्तम भक्ति गुरूकुल, उज्जैन के विद्यार्थियों द्वारा भगवान गणेश की वंदना की गई। वंदना के बाद गौ-तीर्थ विद्यापीठ, कर्णावती के विद्यार्थियों द्वारा शिव तांडव पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया गया। वाराणसी के श्री ब्रह्मा वेद विद्यालय संस्थान के विद्यार्थियों ने नृत्य के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के 'संसार में समस्याओं से डरो नहीं बल्कि युद्ध करो'' उपदेश को दर्शाया। इस नृत्य की प्रस्तुति लोकप्रिय कविता ''आरंभ है प्रचंड'' पर की गई।

कर्नाटक के निवृत्ति गुरूकुल द्वारा उडीपी नृत्य प्रस्तुत किया गया। उज्जैन के कण्व गुरूकुल द्वारा काव्यावलि की प्रस्तुति दी गई। सभी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का कलाप्रेमी दर्शकों ने आनंद लिया और पूरे हर्षोल्लास के साथ विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश