Posted on 11 Jul, 2016 3:37 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये है कि वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के रोकथाम की पुख्ता व्यवस्था करें तथा इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बताया गया कि प्रदेश में अति वर्षा से प्रभावित क्षेत्र में नुकसान का सर्वे कार्य शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल के नमूनों की जाँच करें। यह सुनिश्चित करें कि कही भी दूषित पेयजल से बीमारियाँ नहीं फैले। प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त दवाइयाँ उपलब्ध रहें। अति वर्षा से हुए नुकसान का  प्रतिवेदन शीघ्र केंद्र सरकार को भेजें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छिंदवाड़ा जिले का परासिया पुल टूटने से ग्राम बेलगाँव में फँसे दस लोगों को निकालने की त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि अति वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। अति वर्षा से प्रदेश के 21 जिले प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में अब तक अति वर्षा से 22 लोगों की मृत्यु हुई है। इसमें भोपाल में 5, विदिशा में 3, दमोह में 5, रायसेन, रीवा, सागर, मंडला, टीकमगढ़, दमोह, सिवनी, सीहोर तथा आगर मालवा में एक-एक व्यक्ति शामिल है। प्रदेश में अति वर्षा से प्रभावित आबादी 3 लाख 46 हजार है। अति वर्षा से 2500 मकान पूर्णत: तथा  18 हजार मकान आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। बताया गया कि कल विदिशा में 1600 लोगों को बचाया गया। इसे मिलाकर प्रदेश में अब तक आपदा प्रबंधन दलों द्वारा साढ़े 7 हजार लोगों को बचाया जा चुका है। बैठक में मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला, अपर मुख्य सचिव गृह श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के. के. सिंह, प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री मलय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और श्री एस. के. मिश्रा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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