Posted on 04 Jun, 2016 5:36 pm

श्रम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने आज सेंधवा (बड़वानी) क्षेत्र के ग्राम कंजापानी में ग्रामीणों को संकल्प दिलाकर 'जंगल बचाओ, पेड़ लगाओ संकल्प' योजना की शुरूआत की। श्री आर्य ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा और सूखे की स्थिति से निपटने के लिये जंगल बचाना अनिवार्य हो गया है। जंगल कम होने से प्राकृतिक संतुलन डगमगा जायेगा। योजना पूरे प्रदेश में लागू की जायेगी। अभियान में मुख्य रूप से नीम, बाँस और महुआ के पौधे रोपे जायेंगे।

...... जब मंत्री ने किया प्रदर्शन

श्री आर्य ने ग्रामीणों को वृक्ष कटाई के दुष्परिणाम और जंगल के लाभ सरल ढंग से समझाये। श्री आर्य ने घने केश वाले सर पर ग्रामीणों को बताया कि देखो बाल होने से पानी रुक रहा है, पूरा बहकर नष्ट नहीं हो रहा। वहीं अपने केशविहीन सिर पर पानी डालकर बताया कि बाल नहीं होने के कारण पूरा पानी जमीन पर गिर गया। इसी तरह जंगल होंगे तो पानी धरती में समायेगा और सूखे की स्थिति भयावह नहीं होगी।

श्री आर्य ने कहा कि जंगलों के उजड़ने से ही विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियाँ निर्मित हो रही हैं। इससे आने वाली पीढ़ी को भयावह स्थितियाँ मिलेंगी। श्री आर्य ने कहा कि सेंधवा क्षेत्र में पहले घना जंगल था, किन्तु आज यह समाप्ति के कगार पर पहुँच गया है। जंगल कम होने से तेन्दुआ, रीछ, लोमड़ी, हिरण, सियार आदि जानवर भटककर रहवासी क्षेत्रों में आ रहे हैं। श्री आर्य ने कहा कि अभियान में पूरे प्रदेश में वर्तमान जंगल को बचाने, उजड़े जंगल को पुन: स्थापित करने के लिये लोगों को संकल्प दिलवाया जायेगा। लकड़ी की कटाई पर रोक और कटे हुए जंगल में पुन: पौध-रोपण कर जंगल को पुन: स्थापित किया जायेगा।

श्री आर्य ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सामने जंगल बचाने की संकल्प योजना प्रस्तुत कर बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन और धार जिले में वृक्षविहीन पहाड़ी पर नीम-रोपण का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वन विभाग को योजना में हरसंभव मदद करने के निर्देश दिये हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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