Posted on 20 Feb, 2018 4:18 pm

नन्हा-मुन्हा बालक वंश बेहिचक गिनती सुनाए जा रहा था, तब राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद सहित अन्य अतिथि तालियाँ बजाकर उसे शाबाशी दे रहे थे। यूँ तो छ: वर्षीय बच्चे के लिये गिनती सुना देना साधारण सी बात है। मगर वंश जन्म से ही बोलने और सुनने में असमर्थ था। अब वह कान में “मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना” से कोक्लियर इम्प्लांट लगाकर फर्राटे से हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला और गिनती सुनाने लगा है।

ग्वालियर निवासी दिहाड़ी श्रमिक अरविंद योगी के घर लगभग 6 वर्ष पूर्व जन्मे वंश को लगभग दो साल की उम्र का होने पर भी बोलने-सुनने में बहुत परेशानी हो रही थी। पिता अरविंद सहित पूरे परिवार की चिंता बढ़ गई। वे कहते हैं कि जहाँ भी लोगों ने बताया, वहाँ वंश को लेकर मन्नतें करने गये, लेकिन उसके मुँह से बोल नहीं फूटे। चार साल की उम्र में डॉक्टर को फिर दिखाया तो पता चला कि यदि वंश के कान में कोक्लियर इम्प्लांट लग जाए तो वह बोल और सुन सकेगा। मगर इस पर लगभग 7 लाख रूपये का खर्चा आएगा। अरविंद बताते हैं कि इतना खर्चा सुनकर हमारे तो पैरों तले की जमीन ही खिसक गई। ऐसे विपरीत हालातों में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित “मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना” हमारे परिवार के लिए वरदान बन गई।

सरकार ने इस योजना से 6 लाख रूपये से अधिक राशि खर्च कर भोपाल के दिव्या ईएनटी हॉस्पिटल में वंश के कान में कोक्लियर इम्प्लांट लगवाया और सरकारी खर्च पर स्पीच थैरेपी भी करवाई। अब सरकार के प्रति कृतज्ञता जताते हुए अरविंद दम्पत्ति नहीं थकते। उनका कहना है कि सरकार ने हमें दोहरी खुशियाँ दी हैं। पहले हमें एफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत सिंधिया नगर में पक्का घर दिया और अब जन्म से ही बोलने-सुनने में असमर्थ हमारे बेटे के कान में कोक्लियर इम्प्लांट लगवाया।

ग्वालियर में दिव्यांग एवं वृद्धजन के सहायतार्थ आयोजित मेगा शिविर में वंश एवं उसके पिता अरविंद सरकार को धन्यवाद देने आए थे। वंश ने इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद सहित अन्य अतिथियों को गिनती सुनाई, तो अतिथियों ने तालियाँ बजाकर और पीठ थपथपाकर वंश का उत्साहवर्धन किया।

 सक्सेस स्टोरी (ग्वालियर)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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