Posted on 04 Aug, 2018 5:33 pm

 

बीस वर्षों से नि:संतान रतलाम जिले के ग्राम तितरी के परमार दम्पत्ति के लिये जिला चिकित्सालय की रोशनी क्लीनिक किसी तीर्थ-स्थल से कम नहीं है। इस क्लीनिक की सेवाओं और इलाज के फलस्वरूप परमार दम्पत्ति को विगत 10 जुलाई, 2018 को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इलाज में आर्थिक सहायता राज्य बीमारी सहायता निधि से मिली है।

ग्राम तितरी में नरसिंह परमार और उनकी पत्नी अलका खेती-किसानी से घर चलाते हैं। यह दम्पत्ति 20 साल से संतान के लिये परेशान थे। कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन महँगे इलाज की सलाह मिली, जो इनके बस की बात नहीं थी।

ऐसे समय में इस दम्पत्ति को आशा कार्यकर्ता ने जिला अस्पताल में हर हफ्ते लगने वाले रोशनी क्लीनिक के बारे में बताया। इस क्लीनिक में डॉक्टरों ने दोनों का प्रारंभिक परीक्षण किया और इन्हें इंदौर रेफर किया। राज्य बीमारी सहायता निधि से इन्हें इलाज के लिये पहले पैकेज में 55 हजार रुपये की राशि मंजूर हुई। दूसरे पैकेज में इन्हें 60 हजार रुपये की सहायता निधि मिली। इंदौर के ग्रेटर कैलाश अस्पताल में अलका परमार का 6 माह तक इलाज हुआ और 10 जुलाई, 2018 को अलका ने स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। परमार दम्पत्ति घर में नये मेहमान आने से बहुत खुश हैं।


सक्सेस स्टोरी (रतलाम)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश