Posted on 06 Apr, 2018 3:41 pm

 

शासकीय श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेज-3 के तहत सुपर स्पेशलिटी यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। डेढ़ सौ करोड़ रूपये की लागत से स्थापित की जा रही इस यूनिट में 204 बिस्तर होंगे, जिससे 30 आईसीयू बिस्तर भी होंगे। यूनिट का काम 15 अगस्त तक पूरा हो जायेगा।

सुपर स्पेशलिटी यूनिट में 6 मेजर ऑपरेशन थिएटर और एक माईनर ऑपरेशन थिएटर रहेगा। किडनी फेलियर से जूझ रहे मरीजों के लिए यूनिट के नेफ्ररोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग उपयोगी होंगे। यूनिट में डायलेसिस की सुविधा के साथ किडनी प्रत्यारोपण के मरीजों की देखरेख भी हो सकेगी। यहां कार्डियोलॉजी और कार्डियोथोरेसिक वास्क्युलर सर्जरी विभाग शुरू होने से हृदय की जटिल बीमारियाँ जैसे जन्मजात ह्रदय के विकार के साथ बायपास सर्जरी और वॉल्व रिप्लेसमेन्ट ऑपरेशन भी हो सकेंगे। कॉर्डियोंलॉजी विभाग में एन्जियोप्लास्टिक, एन्जियोग्राफी, पेसमेकर इम्प्लांट और रेडियो फ्रिक्‍वेन्सी एबलेशन का इलाज सम्भव हो पाएगा। नियोनेटोलॉजी विभाग के स्थापित होने से नवजात शिशु से संबंधी जटिल बीमारियाँ और जन्मजात विकार का इलाज आसानी से होगा। इसके अलावा, मस्तिष्क संबधी गंभीर बीमारियाँ ब्रेन ट्यूमर, न्युरल ट्यूब डिफेक्ट का इलाज न्यूरो-सर्जरी एवं न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किया जाएगा। यहां पर स्पाईनल सर्जरी भी होगी। वर्तमान में यह सारी सुविधाएं रीवा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है।

यूनिट के शुरू होने से प्रदेश में पी.जी. की अतिरिक्त सीट्स उपलब्ध हो जाएंगी। इससे रीवा संभाग की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी और जटिल रोगों का उपचार रीवा में ही हो सकेगा। रीवा से प्रशिक्षित डॉक्टर देश-प्रदेश में अपनी सेवाएँ दे सकेंगे। इससे रीवा और प्रदेश को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

विन्ध्य क्षेत्र के तहत रीवा और शहडोल संभाग की जनसंख्या लगभग 90 लाख है। वर्तमान में विन्ध्य क्षेत्र में कोई भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल संचालित नहीं है। रीवा संभाग में सुपर स्पेशलिटी केयर के स्तर की सुविधाएं नहीं होने की वजह से जनता को अन्य राज्य अथवा संभाग में रेफर किया जाता है। यूनिट के शुरू होने से ये सभी सुविधाएँ मरीजों को रीवा में ही मिल सकेंगी। साथ ही आस-पास के क्षेत्रों के नागरिकों को भी इस यूनिट का लाभ मिलेगा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent