Posted on 05 Jun, 2016 9:39 am

ऊर्जा, खनिज साधन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा और जनसम्पर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि रीवा को देश का सबसे अधिक हरा-भरा शहर बनाने का संकल्प लें। इसे देश का पर्यावरण की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ नगर बनायें। ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल बीहर नदी पर बन रहे इको पार्क के किनारे विश्व पर्यावरण दिवस पर नगर निगम रीवा, जन-अभियान परिषद और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आयोजित वृहद पौध-रोपण एवं विचार-गोष्ठी कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

जनसंपर्क मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि कई वर्ष पहले दिल्ली और भोपाल में कार्य-योजना बनाकर वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाकर पौध-रोपण किया गया। इन शहरों में हरियाली देखते ही बनती है। इस वर्ष रीवा शहर में हरसम्भव स्थान पर पौध-रोपण करना होगा। गत वर्षो में पौध-रोपण से छूट गये स्थानों पर पुनः पौध-रोपण करना होगा। इस प्रकार 50 हजार से भी अधिक पौधे रोपित करने है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पौधा-रोपण से अधिक महत्वपूर्ण कार्य लगाये गये पौधों की देखभाल करनी होता है। शहर के करीब 10 हजार नागरिकों को आगे आकर इनमें से हर एक नागरिक को पाँच पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी लेकर अभियान में शामिल होना होगा। शहर में इस वर्ष लगाये गये पौधों का अगले विश्व पर्यावरण दिवस पर इनके संरक्षण-संवर्धन पर ही पूरा ध्यान केन्द्रित किया जायेगा।

ऊर्जा मंत्री ने कहा रीवा-सतना में विश्व की पहली व्हाइट टाइगर सफारी मुकुन्दपुर में बनी। रीवा में ही विश्व का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लान्ट स्थापित होगा। अब हमें रीवा को हरियाली में देश में नम्बर वन बनाना है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गत वर्षों में रीवा जिले का सर्वागींण विकास हुआ है। सड़क चौड़ीकरण और अन्य विकास कार्यों की वजह से वृक्ष कटे हैं। हमारा संकल्प है कि जितने पेड़ कटे हैं उससे कई गुना अधिक वृक्षारोपण किया जायेगा। ऊर्जा मंत्री ने उपस्थित लोगों को इको पार्क, वृक्षारोपण एवं पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलायी।

ऊर्जा मंत्री द्वारा निर्माणाधीन विकास कार्यो का निरीक्षण

ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा परिसर में निर्माणाधीन ऑडिटोरियम भवन निर्माण का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्माण की गति बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वे स्वयं समय-समय पर निरीक्षण करेंगे।

ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने चिकित्सा महाविद्यालय और संजय गांधी चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारियों और तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये शासकीय आवास गृह बनाने के लिये स्थल का निरीक्षण किया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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