Posted on 16 Jul, 2017 9:40 pm

भोपाल : रविवार, जुलाई 16, 2017, 19:19 IST
 

मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य 17 जुलाई को नये राष्ट्रपति के लिए विधानसभा भवन स्थित समिति कक्ष-2, एम-2 में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदान सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होगा। मतदान में पहली बार मत-पत्र पर बैंगनी रंग की स्याही वाले विशेष पेन से मतांकन चिन्हित किया जायेगा। मतदान के लिए विधानसभा परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। मतदान-स्थल पर मोबाइल एवं कार्डलेस फोन अथवा वायरलेस ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। मतदान कक्ष और उसके आसपास के क्षेत्र में चुनाव आयोग द्वारा जारी प्राधिकार-पत्र से प्रवेश दिया जायेगा। आयोग ने मीडिया कर्मियों से भी कव्हरेज के दौरान सहयोग की अपेक्षा की है। आयोग ने मीडियाकर्मियों के लिए अलग से दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।

मतदाता यदि अपने साथ सेल्युलर फोन लाता है तो मतदान-स्थल पर प्रवेश करने से पहले उसे वहाँ जमा करवाना होगा। वोट डालने के बाद फोन को वह वापस ले सकेगा। प्रेक्षक सहित किसी भी अधिकारी को मतदान-स्थल के अंदर सेलफोन के प्रयोग की अनुमति नहीं दी गई है। उनके लिए एक पूर्ण व्यवस्थित टेलीफोन लाइन सहित कंट्रोल-रूम की व्यवस्था की जायेगी। जब भी आयोग को उनसे और प्रेक्षक से सम्पर्क करना होगा, तो उन्हें कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना दी जायेगी। रिटर्निंग ऑफिसर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और प्रेक्षक मतदान-स्थल से बाहर आकर कंट्रोल-रूम का उपयोग कर सकेंगे।

राष्ट्रपतीय निर्वाचन में मतदान की गोपनीयता बनाये रखने और मतगणना के समय मतदाता की पहचान की संभावना को छुपाने के उद्देश्य से आयोग ने मत चिन्हित करने में एकरूपता बनाये रखने के उपाय की व्यवस्था की है। पीठासीन अधिकारी या उसके द्वारा सम्यक रूप से प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा जब किसी निर्वाचक (वोटर) को मत-पत्र दिया जायेगा, तो उसे मत-पत्र पर अपना अधिमान चिन्हित करने के लिये विशेष रूप से डिजाइन किया हुआ पेन दिया जायेगा। निर्वाचक को दिया गया पेन मत चिन्हित करने और उसे मत-पेटी में डालने के बाद दूसरे निर्वाचक को देने के लिये उससे वापस ले लिया जायेगा। इसके लिये आयोग ने अपेक्षित संख्या में बैंगनी (वायलेट) रंग की स्याही वाले पेन उपलब्ध करवाये हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि अधिमान केवल बैंगनी स्याही में और उसी पेन से ही चिन्हित हों। किसी अन्य पेन, बॉल प्वाइंट पेन आदि से चिन्हित किसी भी मत-पत्र को राष्ट्रपतीय तथा उप राष्ट्रपतीय निर्वाचन नियम, 1974 के नियम-31 (एक) (घ) के अधीन निरस्त किया जा सकेगा।

राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा। निर्वाचन में मतदान गुप्त मत-पत्र द्वारा होगा। इस प्रणाली में निर्वाचक द्वारा अभ्यर्थियों के नाम के सामने अधिमान चिन्हित करना होगा। अधिमान भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप में, रोमन स्वरूप या मान्यता प्राप्त किसी भी भारतीय भाषा के रूप में चिन्हित करना होता है। अधिमान को केवल अंकों में चिन्हित करना होगा।

राष्ट्रपति पद का निर्वाचन गुप्त मत-पत्र द्वारा होना है, इसलिये मतदाताओं से अपेक्षा की गयी है कि वे निष्ठापूर्वक वोट की गोपनीयता बनाये रखें। किसी भी परिस्थिति में किसी को मत-पत्र दिखाना पूरी तरह निषिद्ध है। वोटिंग कम्पार्टमेंट में मतदान करने के बाद मतदाता से अपेक्षा की गयी है कि वे मत-पत्र को मोड़े और मत-पेटी में डाल दें। मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन से पीठासीन अधिकारी द्वारा मत-पत्र को निरस्त कर दिया जायेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मतदान के बाद मत-पेटियों तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वापस नई दिल्ली लाने जैसे मामलों पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।

मतगणना

नई दिल्ली में 20 जुलाई को मतों की गणना रिटर्निंग ऑफिसर के पर्यवेक्षण में की जायेगी। राष्ट्रपति के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की जायेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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