Posted on 27 Aug, 2018 8:17 pm

 

प्रदेश में ऊर्जा विभाग के कुशल प्रबंधन के साथ आधुनिक तकनीक के उपयोग से वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में अतिशेष बिजली के विक्रय से प्रदेश ने राजस्व का उच्चतम कीर्तिमान स्थापित किया है। आगामी रबी सीजन के दौरान कृषि कार्यों के लिये वर्तमान वर्षाकाल के दौरान लगभग 150 करोड़ यूनिट बिजली की एडवांस बैंकिंग देश के अन्य प्रदेशों को करने की व्यवस्था की गई है। यही बिजली प्रदेश को रबी सीजन के दौरान प्रीमियम के साथ मिलेगी। इससे प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं के साथ अन्य उपभोक्ताओं को भी पर्याप्त बिजली मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दूसरे चरण में 660-660 मेगावॉट की दो यूनिट की स्थापना की जा रही है। परियोजना की इकाई क्रमांक-3 का परीक्षण 39 माह 28 दिनों के रिकार्ड समय में किया गया। इस इकाई से जल्दी ही बिजली मिलने लगेगी, जबकि इकाई क्रमांक-4 से नवम्बर-2018 से बिजली उत्पादन मिलने की संभावना है।

प्रबंध संचालक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी श्री संजय कुमार शुक्ला ने कहा कि पॉवर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में ताप विद्युत गृहों द्वारा 18066 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष जुलाई माह तक 7633 मिलियन यूनिट ताप विद्युत उत्पादन हुआ, जो गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 69 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल से जुलाई माह तक सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन हुआ है। ताप विद्युत गृहों द्वारा इस वर्ष 9 अप्रैल को 83.26 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन किया गया, जो पॉवर जनरेटिंग का एक दिन का सर्वाधिक उत्पादन है। राज्य की ट्रांसमिशन क्षमता 16 हजार 200 मेगावॉट हो गई है।

राज्य में घरेलू, औद्योगिक, व्यावसायिक प्रयोजनों के लिये 24 घंटे और कृषि कार्यों के लिये 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय की जा रही है। सौभाग्य योजना का 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। घरों में 18 लाख 50 हजार 324 विद्युत कनेक्शन दे दिये गये हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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