रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 के लिए बंगाल की खाड़ी में जारी खोज और बचाव अभियानों की समीक्षा की
Posted on 23 Jul, 2016 8:04 pm
रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के लापता विमान एएन-32 के लिए बंगाल की खाड़ी में जारी खोज और बचाव अभियानों की समीक्षा की |
रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने आज सुबह अराकोणम स्थित नौसेना के वायु स्टेशन आईएनएस रजाली की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय वायु सेना के लापता एएन -32 विमान का पता लगाने के लिए जारी खोज अभियानों की समीक्षा की। रक्षा मंत्री को पिछले 24 घंटे में चलाए गये खोज अभियानों और इस संदर्भ में नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल की परिसम्पत्तियों के उपयोग की भी जानकारी दी गई। रक्षामंत्री ने निर्देश दिया है कि आवश्यकता के अनुरूप खोज एवं बचाव कार्यों के लिए और अधिक संसाधनों का उपयोग किया जाए। रक्षा मंत्री ने भूमि पर जारी अभियान के साथ-साथ लंबी दूरी के समुद्री निगरानी विमान पी 8आई के उड़ान अभियानों की भी समीक्षा की। रक्षा मंत्री को कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी पिछले 24 घंटों से चलाए जा रहे अभियानों से भी अवगत कराया गया। इस समुद्री क्षेत्र में मानसून के बेहद घने बादलों के कारण बनी हुई विपरीत स्थ्िाति ने इन खोज प्रयासों को काफी चुनौतीपूर्ण बना दिया है। रक्षा मंत्री ने अगले आदेशों तक संचालन को निर्बाध जारी रखे जाने का निर्देश दिया है। गौरतलब है, कि 22 जुलाई, 2016 को भारतीय वायुसेना के कोयंबटूर के सुलूर में स्थित 33 स्क्वाड्रन का एक एएन-32 विमान तांबरम (चेन्नई) से पोर्ट ब्लेयर की निर्धारित उड़ान पर था। विमान ने चालक दल के 6 सदस्यों और 23 यात्रियों के साथ सुबह 830 बजे तांबरम से उड़ान भरी थी। विमान को प्रात: 1145 बजे पोर्ट ब्लेयर पहुँचना था। निर्धारित समय पर विमान से पोर्ट ब्लेयर के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को कोई संपर्क नहीं किए जाने के बाद इसको खोजने की अविलंब कार्रवाई शुरू की गई। चेन्नई एयर ट्रैफिक रडार द्वारा विमान से पिछले संपर्क को 151 एनएम पर चेन्नई के पूर्व में चिह्नित किया गया था। विमान 23000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसके लापता हो जाने के बाद से खराब मानसून मौसम की स्थिति और कम दृश्यता के बावजूद भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बलों का अपने सभी उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से बंगाल की खाड़ी के इस विशाल समुद्री क्षेत्र में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच विमान के किसी भी संभावित चिहन का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर साहसिक तलाशी अभियान जारी है। भारतीय वायुसेना के इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इंफ्रा-रेड सेंसर से लैस दो सी-130 विमानों को इस अभियान में लगाया गया है। भारतीय नौसेना के सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस पी8आई विमान और डोर्नियर इस अभियान में शामिल हैं। भारतीय नौसेना ने खोज क्षेत्र में 13 जहाजों को तैनात किया है और इनको इस क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक बल के छह जहाजों और व्यापारी जहाजों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। भारतीय नौसेना ने भी इस अभियान के लिए एक पनडुब्बी को कार्य पर लगाया है। चेन्नई स्थित समुद्री बचाव एवं समन्वय केंद्र चौबीस घंटे भारतीय वायुसेना की दक्षिणी वायु कमान, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के साथ खोज की दिशा में किए जा रहे निगरानी प्रयासों में समन्वय कर रहा है। विमान में सवार 29 लोगों में से चालक दल के छह सदस्य, भारतीय वायुसेना के ग्यारह कर्मी, भारतीय सेना के दो कर्मी और भारतीय तटरक्षक बल से एक कर्मी शामिल हैं। इस विमान में एक नाविक सहित भारतीय नौसेना के साथ काम कर रहे आठ नागरिक भी यात्रा कर रहे थे। रक्षा मंत्री ने सभी कमांडरों से लापता सेवा कर्मियों के परिवारों के साथ संपर्क में बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं। एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, एयर चीफ ऑफ स्टाफ और वाइस एडमिरल एच.सी.एस बिष्ट, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान भी समीक्षा के दौरान उपस्थित थे। |
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India