Posted on 06 Sep, 2016 7:33 pm

 

स्वाइन फ्लू रोकने प्रदेश में है टेमीफ्लू टेबलेट का पर्याप्त स्टॉक 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की मौसमी बीमारी नियंत्रण की समीक्षा 

भोपाल : मंगलवार, सितम्बर 6, 2016, 18:55 IST
 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मौसमी बीमारियों- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, उल्टी-दस्त, हैजा, स्वाइन फ्लू बीमारियों की समीक्षा करते हुए इनके प्रभावी नियंत्रण के लिये हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में बताया गया कि स्वाइन फ्लू के प्रसार को रोकने के लिये प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 70 चिन्हित निजी-अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में टेमीफ्लू टेबलेट उपलब्ध करवा दिया गया है।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि जबलपुर, ग्वालियर एवं भोपाल में स्वाइन फ्लू की जाँच की और सभी जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे ओपीडी की व्यवस्था है। टेमीफ्लू के विक्रय के लिये प्रदेश में 155 मेडिकल स्टोर्स को चिन्हित किया गया है। डेंगू एवं चिकनगुनिया की नि:शुल्क जाँच रेफरल लेब में उपलब्ध है। अप्रैल से अब तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू की जाँच के लिये 245 नमूने एकत्रित किये गये, जिसमें एक मरीज पाया गया। डेंगू के 36 जिलों में 318 प्रकरण मिले, जिसमें एक मृत्यु शामिल है। चिकनगुनिया के 12 जिलों में 29 प्रकरण मिले हैं, जिसमें एक रोगी की मृत्यु हुई है।

मलेरिया के लिये जिला-स्तर पर औषधियों की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के 38 जिलों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव का तृतीय चरण आरंभ हो चुका है। इसी माह केन्द्र सरकार से 13 लाख 70 हजार मेडिकेटेड मच्छरदानी प्राप्त होने की संभावना है। मलेरिया की जाँच एवं उपचार के लिये ग्राम-स्तर तक शासन द्वारा व्यवस्था की गयी है। आयुष विभाग के समन्वय से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के 2679 उप स्वास्थ्य केन्द्र में एक करोड़ 91 लाख लोगों को जुलाई में मलेरिया-ऑफ 200 का प्रथम चरण पूरा कर लिया गया है। अप्रैल से अब तक मलेरिया के 23 हजार 419 मरीज मिले हैं, जिनमें एक रोगी की मृत्यु हुई है। उल्टी-दस्त के 44 जिलों में करीब 5000 प्रकरण सामने आये हैं, जिनमें 47 लोगों की मृत्यु शामिल है।

उल्टी-दस्त एवं हैजा रोकने के लिये सभी जिलों में रेपिड रिस्पांस टीम और विकासखण्ड-स्तर पर कॉम्बेट टीम का गठन किया गया है। समस्यामूलक 4513 गाँव को चिन्हित कर विशेष निगरानी की जा रही है। जिलों में जल-शुद्धिकरण के लिये पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध करवाया गया है और कुओं का साप्ताहिक शुद्धिकरण हो रहा है। सभी शासकीय अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक औषधियाँ उपलब्ध हैं। आशा कार्यकर्ता को जीवन-रक्षक घोल, क्लोरीन की गोली, ब्लीचिंग पाउडर आदि उपलब्ध करवा दिया गया है। राज्य एवं जिला-स्तर पर सूचना प्राप्त करने के लिये सीयूजी एवं कॉल-सेंटर की व्यवस्था की गयी है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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