Posted on 28 Dec, 2017 5:08 pm

दिव्यांग किसी भी मायने में कम नहीं है, इनमें हौसले की कमी नहीं होती। इन्हें सही संसाधन मिल जाएं तो सफलता हासिल करने में जी-जान से जुट जाते हैं। बड़वानी के दिव्यांग कैलाश वास्कले ने इस बात को सही कर दिखाया है। कैलाश बड़वानी शासकीय महाविद्यालय से बीए पाठ्यक्रम फायनल में पढ़ रहा है। बचपन से ही कैलाश अच्छी शिक्षा प्राप्त कर बड़ा अधिकारी बनने की ठान चुका है। उसका यह सपना उसके परिवार के सदस्यों को अजूबा लगता था। दोनों पैरों से निःशक्त कैलाश अपने गांव से 30 किलोमीटर दूर बड़वानी जाकर कैसे महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त करेगा, परिवार के सदस्यों को हमेशा यह चिन्ता बनी रहती थी।

राज्य सरकार ने दिव्यांग कैलाश को दो साल पहले ही विद्युत बेटरी चलित मोटरेट ट्रायसाइकिल दी, तब परिवार की चिंता दूर हुई। होनहार दिव्यांग कैलाश वास्कले अब रोज अपने गांव से इसी मोटरेट ट्रायसाइकिल से बड़वानी आकर अपनी महाविद्यालयीन शिक्षा पूर्ण कर रहा है। इसे सरकार ने स्मार्ट फोन भी नि:शुल्क दिया है। अब कैलाश ने राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी है।

कैलाश वास्कले आश्वस्त है कि अनुसूचित जनजाति के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा पूर्व कोचिंग में भी उसे निश्चित ही प्रवेश मिलेगा। नि:शुल्क स्मार्ट फोन और मोटरेट ट्रायसाइकिल पाकर दिव्यांग कैलाश अपने उज्जवल भविष्य की तैयारियों में जुट गया है।

 सफलता की कहानी (बड़वानी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश