Posted on 05 Nov, 2016 5:34 pm

भोपाल : शनिवार, नवम्बर 5, 2016, 17:19 IST
 

पेंच टाइगर रिजर्व में 7 से 9 नवम्बर तक मोगली बाल उत्सव मनाया जा रहा है। तीन-दिवसीय उत्सव में प्रदेश के हर जिले के 4-4 छात्र-छात्राएँ (दो बालक-दो बालिका) और एक-एक शिक्षक भाग लेंगे। उत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों को यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि मनुष्य जंगल में जीव-जंतु, जानवरों आदि के साथ पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र में अपने आप को कैसे शामिल कर सकता है। कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड, ईको-पर्यटन विकास बोर्ड, एप्को, वन विभाग और सिवनी प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है।

मोगली बाल उत्सव प्रदेश में पहली बार वर्ष 2004 में मध्यप्रदेश राज्य जैव-विविधता बोर्ड द्वारा सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में मनाया गया था। 'मोगली' रुडयार्ड किपलिंग द्वारा अंग्रेजी में रचित 'द जंगल-बुक'' कहानी का मुख्य पात्र है। मोगली जंगल की लताओं, पेड़-पौधों और जानवरों के बीच भेड़ियों द्वारा पाल-पोसकर बड़ा किया जाता है। कहानी में मोगली जानवरों के साथ रहते हुए उन्हीं के तौर-तरीके सीख लेता है। खास बात यह है कि यह कहानी सिवनी के वेनगंगा नदी तट की पृष्ठभूमि से जुड़ी है, जहाँ यह उत्सव किया जा रहा है। इस कहानी पर आधारित प्रसिद्ध टेली धारावाहिक में श्री गुलजार द्वारा रचित गीत 'जंगल-जंगल बात चली है, पता चला है........'' ने लोकप्रियता के नये आयाम स्थापित किये थे। हॉलीवुड द्वारा हाल ही में निर्मित 'जंगल-बुक' फिल्म को भी बच्चों ने बहुत पसंद किया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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